नई दिल्ली : सीपीआई के वरिष्ठ नेता अतुल कुमार अंजान (CPI Leader Atul Kumar Anjan) ने कहा कि कर्नाटक के इन नतीजों से विपक्ष को मजबूती मिली है. विपक्षी दलों को इससे सबक लेना चाहिए. बगैर समय गंवाए उन्हें नीतियों पर आधारित एक विकल्प तैयार करना चाहिए क्योंकि कर्नाटक की ये जीत विपक्षी एकता के रास्ते खोलती है. विपक्ष को एक होना चाहिए और मिलकर बीजेपी की सांप्रदायिक नीतियों के खिलाफ विकल्प तैयार करना चाहिए. अगर अब भी कर्नाटक के इन नतीजों से विपक्ष सबक नहीं लेता और एक नहीं होता, तो ये 'आवारा' विपक्ष कहलाएगा.
ये पूछने पर कि इन नतीजों का सबब क्या है? अंजान कहते हैं, 'कर्नाटक के नतीजों ने 2024 के चुनावों से पहले बहुत सारी बातों को स्पष्ट कर दिया है. जाति और धर्म की राजनीति, भगवानों को सीधे उतारकर नीचे ले आना, आरक्षण को समाप्त कर एक नए तरीके से हिंदू-मुसलमान, श्मशान–कब्रिस्तान, फिल्म पठान, इन सबको नया स्वरूप देना, मुसलमानों का आरक्षण खत्म कर वोक्कालिंगा और लिंगायत में बांट देना, ये सब हुआ. लेकिन 40 परसेंट कमीशन की बीजेपी की सरकार को कर्नाटक की जनता ने अस्वीकार कर दिया.'