नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने याचिका पर नोटिस जारी किया और जी मीडिया और नवभारत टाइम्स से भी जवाब मांगा. अदालत ने दिल्ली पुलिस के इस आश्वासन को भी रिकॉर्ड में लिया कि वह वर्तमान में दिल्ली में रहने वाली महिला को उसके अधिकार क्षेत्र में इस आशंका पर सुरक्षा प्रदान करेगी कि उसे उत्तर प्रदेश की एजेंसियों द्वारा बलपूर्वक या जबरदस्ती उत्तर प्रदेश ले जाया जा सकता है.
महिला का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील तान्या अग्रवाल ने कहा कि उसने 2012 में अपनी मर्जी से और बिना किसी प्रलोभन, धमकी या जबरदस्ती के इस्लाम धर्म अपना लिया था और तब से इसी धर्म का पालन कर रही है. अग्रवाल ने अदालत को बताया कि इस साल अपना धर्म परिवर्तन प्रमाणपत्र प्राप्त करने और नाम और धर्म परिवर्तन के संबंध में समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित करने के बाद, उसे धमकियां मिलने लगीं और मीडिया में खबर भी उनके नाम और पहचान का खुलासा करते हुए प्रकाशित हुईं.
महिला ने अधिवक्ता कमलेश कुमार मिश्रा और नितिन नायक के माध्यम से दायर अपनी याचिका में कहा कि धर्मपरिवर्तन के कारण उसे और उसके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है और उसके बारे में दुर्भावनापूर्ण सामग्री हर दिन मीडिया में प्रकाशित की जा रही है. जिसे तुरंत रोकने की जरूरत है. याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में छोटे समाचार पत्रों और समाचार पोर्टलों में याचिकाकर्ता के धर्मांतरण के संबंध में पूरी तरह से बेतुका और काल्पनिक विवरण दिया गया.
अग्रवाल ने अनुरोध किया कि महिला की निजता और गरिमा की रक्षा के लिए मीडिया की सामग्री पर तुरंत रोक लगाई जाए. समाचारों में से एक में यह समझने की कोशिश की गई कि विदेशी वित्तपोषण के कारण भारत में धर्मांतरण कैसे हो रहे हैं. जबकि दूसरे ने धर्मांतरण रैकेट की बात की. महिला ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश पुलिस पर पुलिस की मीडिया नीति संबंधी परामर्श के पूर्ण उल्लंघन में उसकी पहचान से संबंधित दस्तावेज मीडिया में लीक करने का भी आरोप लगाया.