नई दिल्ली : अपने धर्म से बाहर शादी करने वाले जोड़ों के लिए स्थितियां खासी मुश्किल भरी रहती हैं. उन्हें अपने विवाह को सामाजिक तौर पर स्वीकृत कराने और खुश रहने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन ऐसे जोड़ों को लव जिहाद शब्द के बढ़ते चलन से अब बेचैनी हो रही है. कई जोड़ों ने कहा कि कई राज्य सरकारों ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की मंशा जाहिर की है, जिससे अलग-अलग धर्म मानने वाले (इंटरफेथ) जोड़ों के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं.
लव जिहाद अपने आप में मजाक
दिल्ली में रहने वाली और हिंदू व्यक्ति से शादी करने वाली शीना शाह उल हमीद ने कहा कि लव जिहाद अपने आप में मजाक है. कोई कैसे किसी रिश्ते में जिहाद ला सकता है? वैवाहिक चीजों में धर्म के आधार पर किसी को कैसे प्रतिबंधित किया जा सकता है? अगर कानून बनाया जाता है तो हमें उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इसे देखेगा और रद्द करेगा.
नेटफ्लिक्स का बहिष्कार करने का आह्वान
भाजपा ने रविवार को लव जिहाद को एक गंभीर समस्या बताया और इसके खिलाफ कानून लाने के फैसले का उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश की सरकारों का समर्थन किया. इसी दिन मीरा नायर की ए सूटेबल बॉय को लेकर बहस तेज हो गई और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राज्य पुलिस को निर्देश दिया कि वह मंदिर की पृष्ठभूमि में एक हिंदू लड़की एवं मुस्लिम लड़के के बीच चुंबन के दृश्य की जांच करें. इससे भी लव जिहाद पर बहस तेज हुई और ट्विटर पर नेटफ्लिक्स का बहिष्कार करने का आह्वान ट्रेंड करने लगा. इसके बाद सोमवार को मध्य प्रदेश पुलिस ने नेटफ्लिक्स के दो अधिकारियों पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया.
मौलिक अधिकारों के खिलाफ होगा
पिछले महीने आभूषण कंपनी तनिष्क को अपना एक विज्ञापन वापस लेना पड़ा था, जिसमें एक मुस्लिम सास अपनी हिंदू बहू के लिए गोद भराई की रस्म आयोजित करते दिखाई गई थी. इसके कुछ दिन बाद हरियाणा के फरीदाबाद में एक मुस्लिम लड़के ने एक हिंदू लड़की की गोली मारकर हत्या कर दी और लड़की के परिवार ने दावा किया कि यह लव जिहाद है. शाह उल हमीद ने कहा कि तनिष्क का मामला बड़ा नहीं था. यह समाज में डर पैदा करने के लिए किया गया था. लव जिहाद से संबंधित कोई भी कानून हमारे संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों के खिलाफ होगा.