हैदराबाद : जिस तरह से वार करने से पहले शेर अपना कदम पहले पीछे खींचता है और फिर तेजी से हमला करता है, कोरोना महामारी अब वैसा ही होता जा रहा है. अमेरिका के बाद सबसे तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या भारत में बढ़ती जा रही है. ओवरऑल आंकड़ों की बात करें तो अमेरिका, फ्रांस, ब्राजील और बेल्जियम के बाद भारत का स्थान है. भारत के कुछ शहरों में लॉकडाउन लगाया जा चुका है. नागपुर, भोपाल, इंदौर, सूरत, राजकोट, अहमदाबाद और वोडदरा में रात का कर्फ्यू लग चुका है. कर्फ्यू लगने वाले शहरों की संख्या बढ़ती जा रही है.
महाराष्ट्र में सप्तांत लॉकडाउन लग चुका है. रात का कर्फ्यू भी जारी है. उत्तर पूर्वी भारत को छोड़ दें, तो यह पूरे देश में कोरोना संक्रमण की गति जोर पकड़ती जा रही है. फ्रांस, बेल्जियम और इटली ने लॉकडाउन को फिर से लागू कर दिया है. अगर स्थिति बिगड़ी, तो भारत को भी इस पर गंभीरता से विचार करना होगा. राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर अविलंब कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है. अधिकांश मामले महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और गुजरात से आ रहे हैं. अन्य राज्यों में भी स्थिति खराब हो सकती है.
विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक से अधिक टेस्टिंग पर जोर देना चाहिए. टीकाकरण जरूरी है. मास्क को लेकर जागरूकता अभियान जारी रखे जाने की जरूरत है.
पिछली बार जब लॉकडाउन लगा था, तो पूरे देश की आर्थिक स्थिति लगभग चरमरा सी गई थी. करोड़ों लोगों की स्थिति दयनीय हो गई थी. 12 करोड़ शहरी लोगों का जीवनयापन चौपट हो गया था. 28 करोड़ ग्रामीण आबादी गरीबी रेखा के नीचे चली गई. प्रवासी मजदूरों की स्थिति के बारे में तो सब लोग जानते हैं.