गुवाहाटी: चुनाव आयोग की ओर से असम के निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण का विपक्ष विरोध कर रहा है. विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग जानबूझकर उनकी समस्याओं पर गौर नहीं कर रहा है. असम के 11 विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल इस समय दिल्ली में है. गौरतलब है कि पूर्व संपर्क करने के बाद भी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात नहीं करने पर 11 विपक्षी दलों में चुनाव आयोग के खिलाफ गुस्सा है.
वहीं, असम के मुख्यमंत्री ने शनिवार को पूरे प्रकरण में टिप्पणी करते हुए कहा, 'विपक्ष बिना पूर्व सूचना दिए चला गया है.' एक दिन पहले चुनाव आयोग से मुलाकात नहीं होने पर संयुक्त विपक्ष के प्रतिनिधियों का एक समूह शनिवार को दिल्ली में चुनाव आयोग कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गया. नेताओं का समूह शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की मांग को लेकर कई बार संपर्क भी कर चुका था, लेकिन अंत तक विपक्ष को राष्ट्रपति से मिलने की इजाजत नहीं दी गई.
संयुक्त विपक्ष के नेताओं ने शनिवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा, सांसद गौरव गोगोई, प्रद्युत बोरदोलोई, अजीत भुइयां समेत लुरिनज्योति गोगोई और अखिल गोगोई समेत अन्य ने अपना गुस्सा जाहिर किया. एपीसीसी के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने चुनाव आयोग पर अपना गुस्सा जाहिर किया और कहा, 'चुनाव आयोग ने रहस्यमय ढंग से 2001 की मतदाता सूची में निर्वाचन क्षेत्र को पुनर्निर्धारित करने का कदम उठाया है. यह संदिग्ध है. कई बार संपर्क करने के बाद भी आयोग ने समय नहीं दिया.' पुलिस को गेट के अंदर जाने की इजाजत नहीं थी.