देहरादून:अपने तीन दिवसीय केदारनाथ दौरे के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी सात नवंबर मंगलवार को दिल्ली रवाना हो गए हैं. हालांकि इस दौरान राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ मीडिया से भी दूरी बनाकर रखी है, लेकिन राहुल गांधी के इस दौरे को कांग्रेस एक सजीवनी की तरह देख रही है. केदारनाथ में राहुल गांधी ने भले ही बीजेपी का नाम भी नहीं लिया, लेकिन कांग्रेस को लगता है कि वो जो संदेश देने आए थे, वो देकर चल गए.
भक्तों से बीच बिताया समय: राहुल गांधी के केदारनाथ दौरे से कांग्रेस गदगद नजर आ रही है. कांग्रेस का मानना है कि राहुल गांधी के केदारनाथ दौरे से पार्टी कार्यकर्ताओं को एक नई ऊर्जा मिलेगी. क्योंकि राहुल गांधी ने केदारनाथ में न सिर्फ भक्ति की, बल्कि केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित के बीच भी लंबा समय बिताया और उनकी समस्याओं को भी सुना. इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों से आए भक्तों से भी राहुल गांधी ने बातचीत की.
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राहुल गांधी के संदेश: राहुल गांधी ने केदारनाथ में एक वीआईपी के तौर पर नहीं, बल्कि आम आदमी की तरह समय बिताया है. कांग्रेस का कहना है कि ऐसे करके राहुल गांधी ने बड़ा संदेश दिया है. क्योंकि वो यहां एक साधारण भक्त की तरह ही रहे हैं. राहुल गांधी केदारनाथ में एक छोटे से कमरे में ही रूके थे.
मजदूरों और भक्तों से साथ की लंबी चर्चा: राहुल गांधी ने केदारनाथ पुर्ननिर्माण में लगे मजदूरों से भी बात की है, हालांकि उनसे उन्होंने क्या बात की, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. राहुल गांधी बीते कुछ समय से इसी तरह मजदूरों, कुलियों और सब्जी मंडी में जाकर अलग-अलग लोगों के बात कर रहे है. पढ़ें-राहुल गांधी ने केदारनाथ धाम में लगाया भंडारा, भक्तों को चाय पिलाई, मोदी-मोदी के नारों से खीझे कांग्रेसी
उत्तराखंड में कांग्रेस को मिलेगी ऊर्जा: उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के इतने व्यस्त कार्यक्रम के बीच राहुल गांधी केदारनाथ धाम में आकर रूके, इससे साफ पता चलता है कि भगवान की प्रति उनकी आस्था कितनी है. साथ ही राहुल गांधी का केदारनाथ दौरा उनका उत्तराखंड के प्रति उनके प्रेम को भी दिखाता है. करण माहरा का कहना है कि राहुल गांधी के केदारनाथ दौरा 100 प्रतिशत आध्यात्मिक है.
राहुल के केदारनाथ दौरे से कांग्रेस का जोश हाई
कांग्रेस नेताओं का बयान: वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि भले ही राहुल गांधी की पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात नहीं हुई हो, लेकिन उनका संदेश सभी नेताओ के लिए साफ है कि वो उत्तराखंड की जनता और यहां के कार्यकर्ताओं के साथ खड़े है. गणेश गोदियाल का मानना है कि यदि राहुल गांधी केदारनाथ से कोई मैसेज रिकॉर्ड करके ले गए है तो उसमें प्रदेश के ही नहीं, बल्कि देश की जनता के लिए कुछ खास होगा.
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बीजेपी घेरने में जुटी: राहुल गांधी के केदारनाथ दौरे से जहां कांग्रेस उत्साहित है, तो वहीं बीजेपी कांग्रेस और राहुल गांधी पर तंज कसने में लगी हुई है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल का कहना है कि अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे है, इसीलिए राहुल गांधी को अब बाबा केदार की याद आई. राहुल गांधी चुनावों के बीच दिखाने आए है कि वो भगवान के भक्त है, जबकि ये सिर्फ दिखावा है और कुछ नहीं. कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल का कहना कि राहुल कितना भी भगवान के दर पर माथा टेक ले, लेकिन जनता कांग्रेस को पहले की तरह की रिजल्ट देगी.
राहुल गांधी तीन दिनों तक केदारनाथ में रहे.
क्या कहते है जानकार: उत्तराखंड की राजनीति की बेहतर समझ रखने वाले और वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत का कहना है कि किसी बड़े राजनेता का धार्मिक स्थल, शहर या गांव में जाना एक बड़ा संदेश देता है. राहुल गांधी भी केदारनाथ में तीन दिन तक रुके है, तो उनका संदेश भी ठीक वैसे ही है, जैसा पीएम का किसी धार्मिक स्थल पर रुकने का हो सकता है.
केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों से मिले राहुल गांधी.
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जय सिंह रावत का कहना कि बीजेपी नेताओं को मंदिर में जाने के अधिक लाभ मिलता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी को लोग नजरअंदाज ही कर देंगे. कांग्रेस के पास भी अब कहने को है कि उनके सबसे बड़े नेता राहुल गांधी भी तीन दिनों तक केदारनाथ में भक्तों के सरोबार में डूबे रहे.
केदारनाथ में राहुल गांधी ने मीडिया से बनाई रखी दूरी.
अगर वो यहां से कुछ वीडियो रिकॉर्ड करके ले गए है तो उसका असर भी आने वाले दिनों में देखने के लिए मिलेगा. मसलन जो कांग्रेस कुछ दिनों से कोई मुद्दा नहीं भुना पा रही थी वो फ़िलहाल राहुल के आने से एक्टिव हो गई है. बीजेपी के बड़े नेता राहुल गांधी पर टिप्पणी कर रहे है, ये भी कांग्रेस के लिए फायदे का ही सौदा है.