राहुल गांधी के समर्थन में 12 जुलाई को 'मौन सत्याग्रह', बड़ी संख्या में जुटेंगे कांग्रेसी
राहुल गांधी के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए कांग्रेस 12 जुलाई को सभी राज्यों में 'मौन सत्याग्रह' करने जा रही है. पार्टी महासचिव वेणुगोपाल ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों राज्य प्रभारियों और पार्टी के अग्रिम संगठनों एवं विभागों के प्रमुखों को पत्र भेजकर बड़ी संख्या में लोग शामिल होने का आह्वान किया है.
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Published : Jul 8, 2023, 8:47 AM IST
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए कांग्रेस ने 12 जुलाई को सभी राज्यों में मौन सत्याग्रह करने का फैसला किया है. यह सत्याग्रह राज्य मुख्यालयों पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक होगा. इसकी जानकारी कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दी है.
गुजरात हाई कोर्ट द्वारा शुक्रवार को 'मोदी सरनेम' मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करने वाले सत्र न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने के बाद केसी वेणुगोपाल ने सभी पीसीसी अध्यक्षों को पत्र लिखा. पत्र में कहा गया है कि अब समय आ गया है कि हम एक साथ खड़े हों और दोहराएं कि राहुल गांधी अकेले नहीं हैं. वर्तमान परिस्थितियों में लाखों कांग्रेसी और करोड़ों लोग अपनी राजनीतिक संबद्धता के बावजूद सच्चाई और न्याय की इस लड़ाई में उनके साथ हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी पीसीसी से अनुरोध किया है कि वे सभी गांधी प्रतिमाओं के सामने 12 जुलाई 2023 बुधवार को प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक एक दिवसीय मौन सत्याग्रह आयोजित करें. इसमें सभी वरिष्ठ नेताओं, सांसदों, एमएलए/एमएलसी और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों की अधिकतम संभव लामबंदी और भागीदारी शामिल है. कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग करने वाली राहुल गांधी की याचिका खारिज करने वाला गुजरात हाई कोर्ट का आदेश 'निराशाजनक' था, लेकिन 'अप्रत्याशित' फैसला नहीं था.
कांग्रेस ने कहा कि वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाई कोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि हम राजनीतिक लड़ाई और कानूनी लड़ाई दोनों लड़ेंगे. आपको बता दें कि गुजरात हाई कोर्ट ने मई में राहुल की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिसमें 2019 'मोदी उपनाम' मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग की गई थी. अदालत ने कांग्रेस नेता को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था.
राहुल ने 25 अप्रैल को सूरत सत्र अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए गुजरात उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. सूरत की अदालत ने 20 अप्रैल को राहुल की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने इस मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने पर रोक लगाने की मांग की थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रॉबिन पी मोगेरा ने अपने फैसले में एक सांसद और देश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के पूर्व प्रमुख के रूप में गांधी के कद का हवाला देते हुए कहा था कि उन्हें अधिक सावधान रहना चाहिए था.
निचली अदालत ने पूर्णेश मोदी द्वारा दायर मानहानि मामले के संबंध में 23 मार्च को कांग्रेस नेता को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दोषी ठहराया और दो साल जेल की सजा सुनाई. अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है?
(एएनआई)