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वॉर मेमोमिरल में अमर जवान ज्योति के विलय पर कांग्रेस भड़की, पूर्व सैनिकों ने किया सपोर्ट

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Published : Jan 21, 2022, 12:06 PM IST

नैशनल वॉर मेमोमिरल में अमर जवान ज्योति के विलय पर राजनीतिक दलों और लोगों की राय बंटी हुई है. कांग्रेस इस विलय का विरोध कर रही है, जबकि कई पूर्व भारतीय सैन्य अधिकारी इस फैसले से सहमत हैं,

merger of Amar Jawan Jyoti in national war memorial
merger of Amar Jawan Jyoti in national war memorial

नई दिल्ली :अमर जवान ज्योति का नैशनल वॉर मेमोरियल में विलय किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर कांग्रेस आगबबूला हो गई है, मगर कई पूर्व सैनिक इसकी तारीफ कर रहे हैं.

पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसकी आलोचना करते हुए वादा किया कि हम अमर जवान ज्योति को फिर जलाएंगे. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी इसकी आलोचना की है. मनीष तिवारी ने ट्वीट कर लिखा है कि जो कुछ भी किया जा रहा है वह एक राष्ट्रीय त्रासदी है और इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास है. अमर जवान ज्योति को युद्ध स्मारक मशाल में मिलाने का अर्थ है इतिहास मिटाना. भाजपा ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाया है, इसका मतलब यह नहीं है कि वे अमर जवान ज्योति को बुझा सकते हैं

इसके जवाब में केंद्र सरकार की ओर से सफाई दी गई कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है. इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के ज्वाला में मिला दिया जा रहा है. ये अजीब बात थी कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों में जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई भी नाम वहां मौजूद नहीं है. एक अन्‍य ट्वीट में सरकार ने ल‍िखा, ‘1971 और उसके पहले और बाद के युद्धों में जान गंवाने वाले सभी भारतीय जवानों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में हैं, इसलिए वहां ज्योति का होना ही सच्ची श्रद्धांजलि है.

उधर, कई पूर्व सैनिकों ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. भारतीय सेना के पूर्व डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने कहा कि आज एक महान अवसर है, इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का (हो रहा है) राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के साथ विलय कर दिया गया है। यह एक अच्छा फैसला है। अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में मिलाने का समय आ गया है.

26 जनवरी जैसे अवसरों पर परेड की कमेंट्री के लिए मशहूर रिटायर्ड ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत ने भी इसका समर्थन किया है. उनका कहना है कि इंडिया गेट अंग्रेजों की और बनाया गया युद्ध स्मारक है. नैशनल वॉर मेमोरियल 1947 से आज तक देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की याद में बनाया गया है. अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किया जाना चाहिए.

1971 के युद्ध के दिग्गज और पूर्व सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जेबीएस यादव ने कहा कि आजकल केंद्र के पहल को राजनीतिक एंगल का चलन बढ़ गया है. अमर जवान ज्योति और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के विलय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

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