बेंगलुरु : तटीय और मलनाड (पहाड़ी) कर्नाटक क्षेत्र को विपक्षी दल और प्रगतिशील विचारक भाजपा और संघ परिवार की हिंदुत्व प्रयोगशाला कहते हैं. दोनों क्षेत्र बीजेपी के गढ़ में तब्दील हो गए हैं. हालांकि बदले हुए परिदृश्य में इस बार सत्ता विरोधी लहर पर सवार कांग्रेस पार्टी भगवा वर्चस्व को जोरदार चुनौती दे रही है.
दोनों क्षेत्र सांप्रदायिक आधार पर गहराई से विभाजित हैं. बदला लेने के लिए की गई हत्याओं ने क्षेत्र और पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है. भाजपा युवा मोर्चा के प्रवीण कुमार नेतरू की हत्या के बाद हिंदू कार्यकर्ताओं के गुस्से को शांत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी को सभी प्रयास करने पड़े.
बदले की हत्या के शिकार मोहम्मद फाजिल के घर जाने और उसके परिवार को सांत्वना देने में भाजपा सरकार की अनिच्छा ने चिंता बढ़ा दी. बीजेपी नेताओं ने प्रवीण नेतारु के आवास के सामने लाइन लगा दी और सरकार से मुआवजे की घोषणा की थी, लेकिन फाजिल का जिक्र तक नहीं किया.
हिजाब संकट ने उडुपी के तटीय जिले से उपजी अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं. बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की हत्या, फ्लेक्स लगाने पर चाकूबाजी की घटनाओं और शिवमोग्गा और चिक्कमगलुरु के मलनाड जिलों में दत्तात्रेय बाबाबुदनगिरी पीठ विवाद ने पूरे क्षेत्र को तनाव में डाल दिया है.
तटीय कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिले शामिल हैं। तीनों जिलों में 19 विधानसभा सीटें हैं. वर्तमान में भाजपा के पास 17, जबकि कांग्रेस के पास केवल दो सीटें हैं. शिवमोग्गा, चिक्कमगलुरु और कोडागु जिले मलनाड क्षेत्र में हैं और उनके पास 14 विधानसभा सीटें हैं, इनमें से 12 भाजपा के पास हैं और दो कांग्रेस के पास हैं. दोनों क्षेत्रों का राज्य मंत्रिमंडल में बहुत अच्छा प्रतिनिधित्व है और सरकार पर काफी प्रभाव है.
गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और पूर्व मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा मलनाड क्षेत्र से आते हैं. ऊर्जा, कन्नड़ और संस्कृति मंत्री, हिंदुत्व नेता वी. सुनील कुमार, मत्स्य पालन, बंदरगाह मंत्री एस. अंगारा, विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी और चीनी मंत्री शिवराम हेब्बर तटीय जिलों से हैं. आर. वी. देशपांडे, यू.टी. खादर, विनय कुमार सोराके इस क्षेत्र के प्रमुख कांग्रेसी नेता हैं.
हालांकि इसे भाजपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार तटीय कर्नाटक क्षेत्र में कांग्रेस और भगवा पार्टी के बीच कड़ी टक्कर है. भाजपा ने मत्स्य पालन मंत्री एस. अंगारा, कुछ मौजूदा विधायकों और वरिष्ठ नेताओं रघुपति भट और संजीव मथांदूर का टिकट काट दिया है. उडुपी जिले के कुंडापुरा निर्वाचन क्षेत्र से छह बार के विधायक हलदी श्रीनिवास शेट्टी ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है.
बीजेपी में अंदरूनी कलह सुलग रही है और कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा. सूत्रों का कहना है कि सबसे पुरानी पार्टी को तटीय क्षेत्र से लगभग 12 सीटें मिलने की संभावना है. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य के दौरे के बाद भाजपा वोटों के ध्रुवीकरण को लेकर आश्वस्त दिख रही है.