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मंथन से पहले बोले माकन- 'एक परिवार, एक टिकट' पर कांग्रेस में सहमति, संगठन में हर स्तर पर 50 फीसदी होंगे युवा

कांग्रेस चिंतन शिविर (Ajay Maken PC in Udaipur) में कई मुद्दों पर गहन चिंतन मनन करेगी. इनमें परिवारवाद को कैसे फलने फूलने से रोका जाए इस पर विमर्श होगा. ये लगभग तय है कि 1 पार्टी 1 टिकट की नीति पर मुहर लग जाएगी. इसकी तस्दीक चिंतन शिविर से ठीक पहले प्रेस वार्ता में राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने की.

मंथन से पहले बोले माकन
मंथन से पहले बोले माकन

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Published : May 13, 2022, 12:57 PM IST

Updated : May 13, 2022, 4:44 PM IST

उदयपुर. देर से ही सही लेकिन अब कांग्रेस के नेता यह खुले मन से स्वीकार करने लगे हैं कि उनके संगठन में खामियां हैं और इन खामियों को दूर करने की पार्टी को आवश्यकता है. यही कारण है कि आज राजस्थान के प्रभारी महासचिव और ऑर्गेनाइजेशन कमेटी के संयोजक अजय माकन ने यह स्वीकार किया कि बदलते समय के साथ कांग्रेस के संगठन के ढांचे में जो परिवर्तन होना चाहिए था वह परिवर्तन नहीं आ सका. माकन ने कहा कि आज भी जनरल सेक्रेटरी इंचार्ज उसी तरह से काम कर रहे हैं जैसा 50 साल पहले करते थे.

लगता है अब इस कमी को दूर करने के लिए ही पार्टी की ओर से अब भाजपा के पन्ना प्रमुख की तर्ज पर कांग्रेस पार्टी भी मंडल बनाने जा रही है. अजय माकन ने कहा कि हमने अपने संगठन में आमूलचूल परिवर्तन नहीं किया और यही कारण है कि हमारे सबसे छोटे यूनिट पोलिंग बूथ के बाद सीधा ब्लॉक आ जाता है, लेकिन अब पोलिंग बूथ और ब्लॉक के बीच 5 मंडल बनाए जाएंगे यानी कि हर 15 से 20 बूथ को मिलाकर एक मंडल बनाया जाएगा और हर ब्लॉक में 3 से 5 मंडल शामिल किए जाएंगे.

मंथन से पहले बोले माकन

ये तय हो चुका है कि कांग्रेस 1 परिवार 1 टिकट के फॉर्मूले को अपनाने का संकल्प ले चुकी है. नव संकल्प शिविर (Udaipur Congress Chintan Shivir) से पहले अजय माकन ने इसकी पुष्टि की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया (Ajay Maken PC in Udaipur) कि इसमें एक Exception यानी अपवाद भी होगा. जिसके मुताबिक किसी दूसरे सदस्य को टिकट पाने के लिए पार्टी को 5 साल देने होंगे. ऐसा नहीं होगा कि पुराने नेता के नाम पर टिकट थमा दिया जाएगा. इस पर सर्वसम्मति बन गई है बस ठप्पा लगना बाकी है. मीडिया से मुखातिब माकन ने ये भी कहा कि 5 साल की कैपिंग की भी बात कही. कहा- कोई भी व्यक्ति किसी भी पोस्ट पर 5 साल से ज्यादा न रहे और 5 साल से ज्यादा रहना है तो उसको 3 वर्ष का कूलिंग पीरियड दिया जाएगा. उसके बाद ही वो वापस इस पद पर काबिज हो जाएगा.

परिवारवाद पर प्रहार : चिंतन शिविर में संगठन को लेकर बनाई गई कमेटी के संयोजक अजय माकन ने कहा- इस शिविर में लंबे समय से चल रहे परिवारवाद की बातें होती रही हैं. ऐसे में अब ये विचार चल रहा है कि एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा और अगर दूसरे किसी व्यक्ति को अपेक्षा होगी तो उसे पहले 5 साल पार्टी की सेवा करनी होगी तभी उसे टिकट दिया जाएगा. अजय माकन ने कहा ये ऐतिहासिक चिंतन शिविर होगा.

पढ़ें-कांग्रेस नव संकल्प शिविर: सोनिया गांधी पहुंचीं उदयपुर, तीन दिन में 6 मुद्दों पर होगा मंथन

अजय माकन ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो लगातार पद पर रहा है उसे पद छोड़ना होगा और उस व्यक्ति के उसी पद पर वापस आने पर तीन साल के कूलिंग पीरियड से गुजरना होगा. उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में यह भी प्रस्ताव रखा गया है कि संगठन में हर स्तर पर 50 प्रतिशत जगह युवाओं को दी जाए. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ब्लॉक और बूथ समितियों के बीच मंडल समिति बनाने पर सहमति, एक मंडल समिति में 15 से 20 बूथ होंगे.

संगठन में हर स्तर पर 50 फीसदी होंगे युवा

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस में काम करने की व्यवस्था बहुत पुरानी है. इस चिंतन शिविर के माध्यम से इसमें आमूल-चूल परिवर्तन किया जाएगा. चिंतन शिविर के लिए बनी कांग्रेस की संगठन संबंधी समन्वय समिति के सदस्य माकन ने कहा कि संगठन का निचला स्तर बूथ समिति का होता है. ब्लॉक समिति के नीचे बूथ आते हैं. लेकिन अब इनके बीच में, मंडल समिति बनाने का प्रस्ताव है. हर मंडल समिति में 15 से 20 बूथ होंगे. इस पर सर्वसम्मति भी है.

कूलिंग पीरियड, राष्ट्रीय अध्यक्ष पर लागू नहीं: माकन ने कहा कि संगठन में लगातार उन्हें शिकायतें मिल रही हैं कि लगातार कई नेता संगठन में बड़े पदों पर लंबे समय तक जमे रहते हैं. इसको देखते हुए ही ये फैसला लिया गया है कि संगठन में अब एक पद पर कोई व्यक्ति 5 साल तक ही रह सकेगा. इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने एक और अपवाद की चर्चा की. कहा कि कूलिंग पीरियड की बाध्यता राष्ट्रीय अध्यक्ष पर लागू नहीं होगी.

कांग्रेस पार्टी बाहरी कंपनी से नहीं बल्कि सर्वे करवाने के लिए बनाएगी अपना खुद का डिपार्टमेंट: राजस्थान के नव संकल्प शिविर के जरिए कांग्रेस पार्टी अपने संगठन के आमूलचूल ढांचे में परिवर्तन की बात कर रही है और यह सर्वविदित है की चुनाव के समय सर्वे करने वाली एजेंसियों का कितना महत्व बढ़ जाता है. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी अब बाहरी कंपनियों से आउटसोर्स कर सर्वे करवाए जाने की बजाए कांग्रेस संगठन में ही एक अलग से ऐसी विंग तैयार करेगी जो पार्टी को न केवल सर्वे के बारे में जानकारी देगी बल्कि लोगों की समय के साथ सोच, इच्छा और जरूरत के हिसाब से फीडबैक देगी. यही फीडबैक कांग्रेस पार्टी इस्तेमाल करेगी. इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी की आर्गेनाइजेशन कमेटी में यह भी प्रस्ताव आया है कि पार्टी एक एसेसमेंट विंग का भी गठन करें ताकि इस बात का पता रहे कि संगठन में कौन मजबूती से काम कर रहा है और कौन केवल पदों पर जमा हुआ है.

Last Updated : May 13, 2022, 4:44 PM IST

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