नई दिल्ली: कांग्रेस ने पिछले नौ साल में 24.82 करोड़ लोगों के बहुआयामी गरीबी से बाहर निकलने संबंधी आंकड़े को गलत करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि नीति आयोग का परिचर्चा पत्र वैश्विक मानकों से हटकर तैयार किया गया है तथा किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है. पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह दावा भी किया कि सरकार ने 25 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज और दूसरी योजनाओं से वंचित करने की साजिश रची है.
नीति आयोग के परिचर्चा पत्र के अनुसार, देश में बहुआयामी गरीबी 2013-14 में 29.17 प्रतिशत थी जो 2022-23 में घटकर 11.28 प्रतिशत रही. इसके साथ इस अवधि के दौरान 24.82 करोड़ लोग इस श्रेणी से बाहर आये हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस आंकड़े को उत्साहजनक करार दिया था. सुप्रिया श्रीनेत का कहना था, 'प्रधानमंत्री से लेकर मंत्रियों और भाजपा नेताओं तक ने नीति आयोग का हवाला देकर जो दावे किए वो खोखले साबित हुए। सरकार ने कहा कि करीब 25 करोड़ लोगों को बहुआयमी निर्धनता से बाहर निकाल दिया गया. अगर सरकार की माने तो सब चंगा सी है, लेकिन जमीनी हकीकत इस तरह के जुमले से बिल्कुल उलट है.'