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नालसा 2022 का समापन : 2047 के लक्ष्य किए तय, सीजे शिंदे का बयान छोड़ गया बड़ा सवाल

ऑल इंडिया लीगल सर्विस अथॉरिटी मीट (All India Legal Service Authority Meet) के रविवार को समापन अवसर पर नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने साल 2047 के लक्ष्यों को सबके सामने रखा.

Executive Chairman of NALSA UU Lalit on goals of 2047, Rajasthan CJ pointed out of cm gehlot speech
ऑल इंडिया लीगल सर्विस अथॉरिटी मीट.

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Published : Jul 17, 2022, 10:59 PM IST

Updated : Jul 18, 2022, 8:49 AM IST

जयपुर.18वीं ऑल इंडिया लीगल सर्विस अथॉरिटी मीट (All India Legal Service Authority Meet) का रविवार को समापन हुआ. समापन सत्र में नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने साल 2047 के लक्ष्यों को सबके सामने रखा. नालसा ने प्राइमरी एजुकेशन हर बच्चे का अधिकार होने, बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने, देश के हर व्यक्ति को प्राइमरी हैल्थ केयर सुविधा उपलब्ध होने जैसे लक्ष्य तय किए हैं. इस दौरान यह भी लक्ष्य रखा गया कि देश का कोई भी व्यक्ति उसके मौलिक व न्यायिक अधिकार से वंचित ना रहे. आगामी 25 सालों में इन लक्ष्यों को पूरी तरह से हासिल करने की उम्मीद जताई. वहीं समापन समारोह में राजस्थान सीजे एसएस शिंदे का एक बयान बड़ा सवाल छोड़ गया.

पहली बार नालसा की राष्ट्रीय मीट की मेजबानी राजस्थान को मिली. दो दिन तक देश की न्यायपालिका ने जयपुर में विधिक सेवा के प्रचार-प्रसार और इसके आगामी लक्ष्य को तय करने पर विचार विमर्श किया. मीट का उद्घाटन सीजेआई एनवी रमना, देश के कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने किया था. इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद रहे. दो दिन तक चली इस मीट में 25 साल की हो चुकी विधिक सेवा के आगामी 25 साल यानि साल 2047 के लक्ष्य तय किए गए. नेशनल मीट की मेजबानी करने वाले राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसएस शिंदे ने कहा कि दो दिवसीय मीट के मौके पर देश की ज्यूडिशियरी ने राजस्थान की मेहमान नवाजी को देखा और यहां की संस्कृति से भी रूबरू हुए. उन्होंने कहा कि मीट में प्रदेश में बालिका शिक्षा, बाल विवाह और मृत्यु भोज जैसे विषयों को भी शामिल किया गया. वहीं उनमें सुधार को लेकर भी चर्चा हुई.

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नालसा के समापन के दौरान राजस्थान के मुख्य न्यायाधीश एसएस शिंदे का एक बयान भी चर्चा का विषय रहा. सीजे शिंदे ने कहा कि 'ये मीट राजस्थान के पिंकसिटी जयपुर में आयोजित हो रही है, और हम सभी जानते हैं कि राजस्थान अपनी मेहमान नवाजी के लिए जाना जाता है. हमने पूरी कोशिश की है कोई कमी नहीं रहे, जिसके लिए कहा जाए कि हम बेहतर व्यवस्था कर सके. सिवाय एक मामले के कल यहां जो कुछ भी हुआ और संबोधन में कहा गया, उसकी यहां जरूरत नहीं थी. इस मीट के लिए उचित नहीं थी, हमें बड़ा दिल और खुले विचार रखते हुए इसे भूलना चाहिए, माफ करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए'.

जाहिर है कि नालसा के पहले दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे और राजस्थान में मुख्य न्यायाधीश शिंदे को लेकर कहा था कि एक शिंदे वहां पर है और एक शिंदे हमारे बीच मौजूद हैं. वहीं चर्चा है कि शनिवार को ही एक तकनीकी सत्र के बीच किसी विषय को लेकर जजों के बीच हुए वाद विवाद को लेकर जस्टिस शिंदे ने ये बात कही थी. हालांकि शिंदे के इस बयान के बाद ये बड़ा सवाल है कि उनकी कही गई बात किस संदर्भ में थी?.

वहीं नेशनल मीट के समापन समारोह में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने 2 मोबाइल एप और वेबसाइट लांच की. प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष राजस्थान हाई कोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस एमएम श्रीवास्तव ने कहा कि इन मोबाइल एप और वेबसाइट के जरिए आम आदमी तक विधिक सेवाओं को पहुंचाने का प्रयास किया गया है. उन्होंने मीडिया से भी इन नए इनीशिएटिव की जानकारी लोगों तक पहुंचाने की अपील की.

Last Updated : Jul 18, 2022, 8:49 AM IST

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