हैदराबाद: देश के अधिकतर राज्यों में 14.2 किलो वाले बिना सब्सिडी के रसोई गैस सिलिंडर की कीमत 1000 रुपये के करीब पहुंच गई है. कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में इसकी कीमत 1000 रुपये हो गई है. यह माना जा रहा है कि सरकार ने सब्सिडी बंद कर दी है, इस कारण अधिकतर रसोई सिलिंडरों की कीमत बढ़ रही है. इसकी पुष्टि बैंक खाते में सब्सिडी की रकम नहीं आने से हो रही है.
हालांकि सरकार ने रसोई गैस पर सब्सिडी देने के बारे स्पष्ट नहीं किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक 10 लाख रुपये इनकम वालों को सब्सिडी पक्के तौर पर नहीं मिलेगी. अन्य लोगों को भी सब्सिडी से हाथ धोना पड़ सकता है. इसका लाभ सिर्फ उज्ज्वला योजना (Ujjwala Scheme) के लाभार्थियों को मिलेगा. भारत में करीब 29 करोड़ उपभोक्ताओं के पास एलपीजी कनेक्शन हैं, इनमें से 8.8 करोड़ उज्जवला योजना के ग्राहक हैं.
रसोई गैस सब्सिडी को खत्म करने के संकेत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान ही दिए थे. 2021-22 के बजट में LPG और केरोसिन सब्सिडी के लिए केवल 14,073.35 करोड़ रुपये सब्सिडी की घोषणा की गई थी. जबकि 2020-2021 में सब्सिडी की यह राशि 39,054.79 करोड़ रुपये थी.
गरीबों के लिए सस्ते अनाज यानी बीपीएल को सब्सिडी गरीबों के लिए सस्ते अनाज यानी बीपीएल को सब्सिडी : केंद्र सरकार सीधे तौर पर खाद्यान्न सब्सिडी (Food Subsidy) देती है. सरकार गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को सस्ते दामों पर अनाज वितरित करती हैं. खाद्य कानून के तहत, केंद्र प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो गेहूं और चावल 2-3 करोड़ रुपये किलो की दर से 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को उपलब्ध कराता है. इसके लिए बजट 2021-22 में 2,42,836 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.
किसानों को भी सब्सिडी मिल रही है : किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र कई योजनाएं चला रही है, इसके तहत किसानों को कई प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सब्सिडी दी जाती हैं. पीएम किसान ट्रैक्टर योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर खरीदने पर 50 फीसद की छूट मिलती है. इसके अलावा उन्हें कैश सब्सिडी भी मिलती है. सरकार ने यूरिया पर मिलने वाली सब्सिडी को 1500 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये प्रति बोरी कर दिया है. यूरिया के अलावा डीएपी पर दी जाने वाली सब्सिडी को 1200 से बढ़ाकर 1650 रुपये कर दिया है. एपपीके पर दी जाने वाली 900 रुपये की सब्सिडी को बढ़ाकर 1015 रुपये कर दिया है. किसानों को सब्सिडी देने का फायदा आम लोगों को अनाज की स्थिर कीमत से मिल रहा है.
सरकार रसोई गैस (LPG) पर चुनिंदा उपभोक्ताओं को सब्सिडी दे रही है. पेट्रोलियम सब्सिडी तो पूरी तरह खत्म हो गई : सरकार रसोई गैस (LPG) पर चुनिंदा उपभोक्ताओं को सब्सिडी दे रही है. अब केरोसिन पर सब्सिडी नहीं मिलती है. पीडीएस केरोसिन सब्सिडी की राशि 2019-20 में 1883 करोड़ रुपये थी, जो 2020-21 में ही शून्य हो गई. मनमोहन सिंह सरकार ने साल 2010 में पहले ही पेट्रोल की कीमत को नियंत्रण मुक्त कर दिया था. 2014 में डीजल भी सब्सिडी से मुक्त हो गई. डीजल की कीमत को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया.
धार्मिक सब्सिडी भी करीब-करीब बंद है :भारत सरकार 2018 के पहले तक तीर्थयात्रियों को तीर्थ यात्रा के लिए सब्सिडी देती थी. मुसलमानों को हज के लिए हज सब्सिडी दी जाती थी. हिन्दुओं को अमरनाथ की यात्रा के लिए सब्सिडी के रूप में आर्थिक सहायता मिलती हैं. मगर कोरोना के कारण यह यात्रा बंद रही यानी धार्मिक सब्सिडी भी करीब-करीब बंद है.
धार्मिक सब्सिडी भी करीब-करीब बंद है. होम लोन के ब्याज पर मिल रही राहत :सरकार ब्याज माफी के रूप में सब्सिडी देती हैं. सरकार किसानों, छात्रों और कंपनियों के कर्ज का ब्याज खुद चुकाती हैं. अभी इसका लाभ उन्हें मिल रहा है, जो पहली बार होम लोन लेकर पहली बार घर खरीद रहे हैं. पीएम आवास योजना के तहत नया घर खरीदने पर होम लोन में ब्याज सब्सिडी मिलती है. यह सब्सिडी ज्यादा से ज्यादा 2.67 लाख रुपये तक हो सकती है.
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