पूरा देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चपेट में है. हर रोज नए संक्रमितों की संख्या रिकॉर्ड बना रही है. वायरस के प्रासर को रोकने के लिए तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं. हालांकि सरकार ने चेताया है कि यदि स्थिति काबू में नहीं आती है, तो और सख्त प्रतिबंध लागू किए जाएंगे. ऐसे में लोगों को लॉकडाउन का डर सता रहा है और प्रवासी मजदूरों का पलायन फिर से शुरू हो रहा है. दूसरी लहर के कारण बेरोजगारी दर भी तेजी से बढ़ गई है.
unemployment rate in india
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Published : Apr 13, 2021, 7:36 AM IST
हैदराबाद :भारत में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या एक बार फिर तेजी से बढ़ रही है. वायरस के प्रासर को रोकने के लिए स्थानीय लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं, जिसकी वजह से लोग रोजगार खो रहे हैं. एक निजी शोध फर्म द्वारा नवीनतम रोजगार आंकड़ों के अनुसार 11 अप्रैल को समाप्त सप्ताह पर बेरोजगारी 8.6% पर पहुंच गई. दो सप्ताह पहले यह 6.7% थी. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्राइवेट लिमिटेड ने यह डेटा जारी किया है.
शहरों में रहने वाले लोग इस स्थिति से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जहां यह दर 10% के करीब है. मीडिया कि रोपोर्टों के मुताबिक पिछले वर्ष जैसे लॉकडाउन के डर से लोग वापस लौट रहे हैं.
भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. प्रभावित देशों की सूची में भारत ने ब्राजील को पीछे छोड़ दिया है और दूसरे स्थान पर आ गया है. सोमवार को भारत में 168,912 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या 13.53 मिलियन हो गई है.
कोरोना की दूसरी लहर के चलते देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ने के साथ-साथ प्रतिबंधों के लागू होने से भारत व्यपक संकट का सामना कर रहा है.
पूरे देश में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में शीर्ष पर महाराष्ट्र है. इसी वजह से वहां ज्यादा सख्त प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. वहीं देश की राजधानी दिल्ली में हालात दिन प्रति दिन खराब ही हो रहे हैं. दिल्ली की सरकार ने चेताया है कि यदि हालात खराब होते हैं, तो और सख्त पाबंदियां लगाई जाएंगी.
कोरोना वायरस से फैली महामारी के कारण स्कॉर्ड स्तर पर लोगों ने नौकरी खोई है. बीते वर्ष लगे लॉकडाउन ने बड़ी संख्या में प्रावासी मजदूर पैदल अपने घरों की ओर जाने के लिए मजबूर हो गए थे. इस प्रक्रिया में कई मजदूरों की जान भी गई थी, हालांकि सरकार के पास इससे जुड़ा कोई डेटा नहीं है. स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही थी, लेकिन संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ ही लोगों की नौकरियां प्रभावित होना अपरिहार्य है.