हैदराबाद : गुरुग्राम की रहने वाली निधि ने हैदराबाद के सेंट फ्रांसिस कॉलेज से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने आईआईएम, कोलकाता से एमबीए किया. उन्होंने कई वर्षों तक प्रमुख कॉर्पोरेट संगठनों में काम किया. फिर 2015 में अपने बेटे की परवरिश के लिए नौकरी से ब्रेक ले लिया. वह एक गृहिणी और मां के रूप में अपनी जिम्मेदारी को पूरा समय देना चाहती थी. निधि ने बताया कि बचपन से ही उनकी आदत अखबार पढ़ने की रही है. आज भी वह सुबह उठकर अखबार पढ़ती हैं. वह चाहती थी कि उनके बेटे को भी यह अच्छी आदत लगे. लेकिन उन्होंने महसूस किया कि उनके बेटे का दिल अखबार पढ़ने में नहीं लग रहा.
ईटीवी भारत से बात करते हुए निधि ने कहा कि समाचार पत्रों का मेरे दैनिक जीवन में एक विशेष स्थान है. मुझे बचपन से ही सुबह उठकर अखबार पढ़ने की आदत रही है. हमारे घर पर दोनों भाषाओं (हिंदी और अंग्रेजी) के कुल चार अखबार आते थे. किसी कारण से, अगर मैं एक भी दिन अखबार पढ़ने से चूक जाती तो लगता कुछ छूट गया है.
निधि ने कहा कि इसी आदत के कारण मुझे हमेशा पता रहता था कि मेरे आसपास क्या हो रहा है. मैं यही आदत अपने बेटे में डालना चाहती थी. इसी क्रम में मैंने ऐसे अखबारों की तलाश की जो बच्चों की रुचि जगाने वाली खबरें देते हों.. लेकिन मुझे कोई खास सफलता नहीं मिली. इसी बारे में सोचते हुए मेरे मन में विशेष रूप से बच्चों के लिए एक समाचार पत्रिका बनाने का विचार आया. शुरू में मैंने इसे फेसबुक पर जारी किया. जिसे लोगों का अच्छा रिस्पांस मिला. इसलिए 2017 में हमने 'द चिल्ड्रेन्स पोस्ट ऑफ इंडिया' नाम से एक न्यूज पोर्टल शुरू किया.
निधि ने कहा कि मैं पिछले 22 वर्षों से एक ऑडियो लाइब्रेरी चला रही हूं. लेकिन बच्चे सुनने से ज्यादा पढ़कर सीखते हैं. इसलिए हम बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम अपने समाचार पत्र का 50 प्रतिशत भाग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार और सामान्य ज्ञान पर केंद्रीत होता है. इसके अलावा शेष 50 प्रतिशत हिस्सा पहेलियों और मेमोरी गेम्स का होता है. इस तरह धीरे-धीरे बच्चों में खबरों के प्रति रुचि पैदा हो रही है. कई बच्चे हमारा अखबार पढ़ने में रुचि दिखाने लगे हैं.