कांकेर: शनिवार को कांकेर के कोयलीबेड़ा में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ हुआ थी. पुलिस के मुताबिक इस मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए थे. मारे गए नक्सलियों के परिजन दोनों के शव लेने रविवार को कांकेर थाने पहुंचे. वहां उन्होंने पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया.
कांकेर पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप:परिजनों ने बताया कि कांकेर पुलिस ने जिन्हें नक्सली बता कर मारा है वो नक्सली नहीं है बल्कि गांव के आम लोग हैं. दोनों कथित नक्सली ओरछा ब्लॉक के आदनार पंचायत अंतर्गत काकनार गांव के रहने वाले हैं. मृतक कथित नक्सली मोडा राम पद्दा (18) के भाई बोरो पद्दा ने बताया कि साप्ताहिक बाजार से लौटने के दौरान पुलिस ने उन पर हमला कर दिया.
शुक्रवार को कोयलीबेड़ा साप्ताहिक बाजार से अपने गांव वापस जाते समय शाम होने के कारण गोमे गांव में पुनेश मंडावी के घर में मेरा भाई रात रुका हुआ था. वहां से शनिवार सुबह 6:30 बजे अपने गांव काकनार जा रहे थे. तभी पुलिस के लोगों ने हालेमाड़ के बीच जंगल में उन्हें पकड़ा लिया. बाद में खबरों में पता चला कि उन्हें मार के नक्सली घोषित कर दिए हैं.- बोरो पद्दा, कथित नक्सली मोडा राम पद्दा का भाई
नक्सलियों के डेरे में ले जाकर हत्या का आरोप:शव लेने पहुंचे परिजन दोनों कथित नक्सलियों का आधार कार्ड भी साथ लेकर आए थे. दोनों के रिश्तेदारों ने बताया कि जिस जगह पर ये एनकाउंटर हुआ वहां नक्सलियों का डेरा था, जहां से वो भाग गए थे और अपना समान छोड़ गए थे. जंगल में हमारे परिवार के दोनों लोगों को देखने के बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और उसी डेरे में ले जाकर मार दिया.