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BHU में नाटक 'जाणता राजा' के कलाकार बोले, शिवाजी हमारे रोम-रोम में बसे हुए हैं

छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj ) के जीवन पर आधारित महानाट्य का मंचन काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Kashi Hindu University) में आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में शामिल कलाकारों ने बताया कि "शिवाजी" उनके रोम-रोम में बसे हुए हैं.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 24, 2023, 11:34 AM IST

कलाकार ने शिवाजी को लेकर बताया.

वाराणसीःकाशी हिंदू विश्वविद्यालय में छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित महानाट्य "जाणता राजा" का मंचन आयोजित किया गया है. यह मंचन 17 नवंबर से 26 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा. इस मंचन में लगभग 300 कलाकार शामिल हैं. बता दें कि यहां आए कलाकारों में छत्रपति शिवाजी के लिए महानाट्य मंचन करने का सुख साफ झलक रहा है और करीब 350 साल बाद काशी शिवाजी के राज्याभिषेक की गवाह बनी है.

छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित महानाट्य मंचन.

BHU के एमपी थियेटर मैदान में छत्रपति शिवाजी के जीवन पर आधारित "जाणता राजा" नाटक का मंचन आयोजित किया है. मंचन के पहले दिन नाटक में छत्रपति के जीवन से लेकर के उनके राज्याभिषेक किया गया. इस दौरान चारों तरफ जय भवानी, हर-हर महादेव, जय शिवाजी के नारों के बीच इस मंचन की शुरुआत हुई. इस महानाट्य के तीसरे दिन ईटीवी भारत ने मंचन करने वाले मुख्य पात्रों से विशेष बातचीत की.

इस महानाट्य में शिवाजी की मां का किरदार निभा रहीं कलाकार हों या फिर छत्रपति शिवाजी का किरदार निभाने वाले कलाकार हों, हर कोई बस एक ही बात कहता है कि 'शिवाजी हमारे रोम-रोम में बसे हुए हैं. उनके लिए ये काम करना आनंद की अनुभूति कराता है. कलाकारों ने बताया कि 'काशी से छत्रपति शिवाजी महाराज का बेहद लगाव था. ऐसे में काशी में आकर उन्हें आत्मसात करने का मौका मिल रहा है. यह हमारा सौभाग्य है".

शिवाजी अपनी मां जीजाबाई के साथ.

कलाकारों में शामिल डॉक्टर वैभव जोशी ने अफजल खां (कानू जी) का फर्ज निभाया, वहीं कलाकर तेजस्वी नांगरे ने छत्रपति शिवाजी की मां जीजाबाई का किरदार निभाईं हैं. इस तरह से महेश आंबेकर ने साहिर (सूत्रधार) का किरदार निभाया. इसके अलावा अभिजीत पाटने ने सबसे महत्वपूर्ण किरदार छत्रपति शिवाजी का धारण किया. योगेश भंडारे ने छत्रपति शिवाजी के युवा किरदार को निभाया है. इस महानाट्य के डायरेक्टर योगेश सिरोले ने किरदारों का रंग जमा दिया. सभी कलाकारों ने बताया कि उन्हें काशी में छत्रपति शिवाजी के महानाट्य में शामिल होने पर गर्व महशूस हो रहा है. बता दें कि लगभग 300 कलाकारों में 80 कलाकार पूणे के और 200 स्थानीय कलाकार शामिल हैं.

छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर "जाणता राजा" का मंचन का आयोजन.
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