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रिसर्च में खुलासा, फूलों से भी फैल सकता है कोरोना

एक रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना वायरस फूलों के पराग (pollen) के जरिए भी फैल सकता है. ऐसे उदाहरण पहले भी देखे गए हैं कि जब वायरस या बैक्टीरिया ने पराग कणों के जरिए लंबी दूरी तय की हो. हालांकि ये दूरी कितनी होगी ये जलवायु की परिस्थिति पर भी निर्भर करती है.

spread of corona virus through pollen
spread of corona virus through pollen

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Published : Apr 23, 2021, 10:27 AM IST

चंडीगढ़ :चंडीगढ़ पीजीआई और पंजाब यूनिवर्सिटी की ओर से फूलों के पराग और कोरोना संक्रमण पर एक रिसर्च की गई है, जिसके नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं. ये रिसर्च चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर रविंद्र खैवाल और पंजाब यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विभाग की अध्यक्ष डॉ. सुमन मोर की ओर से की गई है. इस रिसर्च में सामने आया है कि फूलों के पराग से भी कोरोना फैल सकता है.

रिसर्च के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने डॉ. सुमन मोर से खास बातचीत की. इस दौरान डॉ. मोर ने बताया कि हम लोग पिछले करीब साढ़े तीन साल से हवा में मौजूद पराग के कणों को लेकर रिसर्च कर रहे थे कि अस्थमा और अन्य सांस की बीमारियों पर पराग के कण किस तरह असर डालते हैं. इसी बीच देश में कोरोना महामारी शुरू हो गई. तब हमने इसी रिसर्च में कोरोना को भी जोड़ लिया. जिसका आधार यही था कि क्या पराग के कण हवा के जरिए वायरस को फैला सकते हैं?

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पराग के जरिए फैल सकता है कोरोना वायरस'
इस रिसर्च में सामने आया कि कोरोना वायरस पराग के कण की मदद से हवा के जरिए एक जगह से दूसरी जगह पर जा सकता है. ऐसे उदाहरण पहले भी देखे गए हैं कि जब वायरस या बैक्टीरिया ने पराग कणों के जरिए लंबी दूरी तय की हो. हालांकि ये दूरी कितनी होगी ये जलवायु की परिस्थिति पर भी निर्भर करती है.

पढ़ें:चंडीगढ़ के 70 फीसदी मरीजों में यूके स्ट्रेन से फैल रहा कोरोना, PGI निदेशक ने बताई संक्रमण की असली वजह

डॉ. सुमन मोर ने कहा की पेड़-पौधों द्वारा पराग के कण छोड़ने का मौसम मार्च-अप्रैल और अक्टूबर- नवंबर के महीने में होता है. इन दिनों में हवा में पेड़-पौधों से छोड़े गए ज्यादा कण मौजूद होते हैं. ऐसे में अगर कोरोना पराग के कणों की जरिए फैलता है तो इस दौरान हमें ज्यादा बचने की जरूरत है.

'कई किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है वायरस'
डॉ. सुमन ने कहा कि पराग के कण हवा के जरिए कई किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकते हैं. ऐसे में अगर उन पराग के कणों पर वायरस मौजूद हो तो वो भी एक जगह से दूसरी जगह तक जा सकता है. हालांकि ऐसे सबूत मिले हैं कि वायरस हवा के जरिए फैल सकता है, लेकिन अगर वायरस पराग के कणों के जरिए दूरी तय करता है तो ये दूरी कई किलोमीटर की हो सकती है.

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