चंडीगढ़ :केंद्रशासित प्रदेशचंडीगढ़ को लेकर हरियाणा और पंजाब की सरकारों के अलावा दोनों राज्यों के राजनीतिक दल भी आमने-सामने हैं. हरियाणा सरकार ने मंगलवार को विधानसभा के स्पेशल सेशन में संकल्प पत्र पारित कर चंडीगढ़ पर दावा पेश किया. साथ ही हरियाणा विधानसभा ने सर्वसम्मति से सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर का पानी मांगने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया. संकल्प पत्र में पंजाब के चंडीगढ़ का पूर्ण अधिकार देने के प्रस्ताव पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की गई है.
विधानसभा में प्रस्ताव रखते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का अधिकार बरकरार रहेगा. सीएम ने केंद्र से आग्रह किया है कि जब तक पंजाब के पुनर्गठन से जुड़े मुद्दों का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक मौजूदा संतुलन और सद्भाव को बिगाड़ने वाला कोई कदम नहीं उठाया जाए. विधानसभा की ओर से पारित प्रस्ताव में केंद्र की ओर से भाखड़ा-व्यास मैनेजमेंट बोर्ड में सदस्यों की नियुक्ति की आलोचना की गई. संकल्प पत्र में यह कहा गया है कि बोर्ड में ये नियुक्तियां पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 की भावना के खिलाफ है.