चंडीगढ़: अक्सर सुना जाता है कि बड़े-बड़े बिजनेसमैन और व्यापारियों को गैंगस्टर फिरौती मांगने के लिए फोन पर धमकी देते हैं. लेकिन, जब लोगों की सुरक्षा करने वाली पुलिस ही धमकी देने लग जाए, तो इसे क्या कहा जाए? चंडीगढ़ पुलिस की सेक्टर-39 चौकी के एडिशनल एसएचओ नवीन फोगट और उनके सहकर्मियों ने पंजाब के जाने-माने बिजनेसमैन से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी. इस फिरौती में उन्होंने 2000 के नोट बदलने के नाम पर बठिंडा के व्यापारी से ऑर्गेनाइज लूट की.
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जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को सेक्टर- 39 के एसएचओ नवीन फोगाट ने अपने अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर बठिंडा के एक व्यापारी से 1 करोड़ रुपये की लूट की थी. इस मामले को चंडीगढ़ पुलिस द्वारा दबाया भी गया. यह मामला तब चर्चा में आया, जब इसकी शिकायत चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर तक पहुंची. इसके बाद एसएसपी द्वारा नवीन फोगाट और उनकी टीम से एक करोड़ रुपये की लूट का केस सेक्टर- 39 थाने में ही दर्ज किया गया.
वहीं, रविवार को चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 2000 रुपये के नोट बदलने के एवज में बठिंडा के व्यापारिक से 1 करोड़ रुपये लूटने के मामले में सेक्टर-41 पुलिस की टीम को बड़ी सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि, इस मामले में कॉन्स्टेबल वरिंदर और सिक्योरिटी विंग में तैनात कॉन्स्टेबल शिव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, एडिशनल एसएचओ नवीन फोगाट को दूसरी बार कोर्स से हटा दिया गया है. इसके अलावा पुलिस ने बताया कि लूट से 75 लाख की रिकवरी कर ली गई है.
व्यापारी से लूटे गए 1.01 करोड़ में से 75 लाख बरामद. मामला उजागर होने के बाद नवीन फोगाट अपने सहकर्मियों की मौजूदगी में थाने से फरार हो गया है. इस मामले में शामिल अन्य कर्मचारियों का अभी नाम उजागर नहीं किया गया है. चंडीगढ़ पुलिस द्वारा मामला अपने स्तर पर ही जांच के अधीन रखा गया है. हालांकि, शनिवार से एसएचओ नरेंद्र पटियाल छुट्टी पर थे. डीएसपी चरणजीत सिंह इस मामले की जांच कर रहे हैं और खुद एसएसपी मामले की निगरानी कर रही हैं. यह मामला ऐसे मौके पर सामने आया है, जहां पहले से ही सीबीआई चंडीगढ़ के अन्य पुलिसकर्मियों के मामले में जांच कर रही है.
चंडीगढ़ पुलिस ने सब इंस्पेक्टर नवीन फोगाट को सेक्टर-39 पुलिस थाने में एडिशनल एसएचओ के तौर पर तैनात कर रखा था. नवीन फोगाट पहले से ही दागदार है. उस पर पहले भी इन्वेस्टिगेशन में शिकायतकर्ता से ही बलात्कार करने का आरोप लगा था. उस समय वह साइबर सेल में तैनात था. रेप का मामला सामने आने के बाद उसे चंडीगढ़ पुलिस फोर्स से निकाल दिया गया था. वहीं, हाल ही में दोबारा बरी होने पर उसने फोर्स जॉइन किया था. अफसरों ने उसे पहली पोस्टिंग तोहफे में देते हुए सेक्टर- 39 थाने के एडिशनल एसएचओ के तौर पर नियुक्त किया था.
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बता दें कि, 4 अगस्त को बठिंडा के रहने वाले संजय गोयल ने अपने दोस्त को करेंसी बदलने के चलते 2000 के नोटों को बदलने का काम सौंपा था. जिसके बाद संजय गोयल पांच 500 के एक करोड़ एक लाख रुपये लेकर मोहाली पहुंचा. मोहाली के एयरोसिटी में स्थित ब्राइट इमिग्रेशन पहुंचने के बाद सर्वेश नाम का व्यक्ति बिजनेसमैन संजय गोयल को सेक्टर- 40 ले गया. जहां संजय गोयल को गिल नाम का एक व्यक्ति मिला. ऐसे में वहां पहले से ही मौजूद इंस्पेक्टर और तीन और पुलिस वाली वर्दी में संजय गोयल की गाड़ी में जा धमके. उन्होंने संजय गोयल और उसके ड्राइवर को पकड़ा, जिसके बाद पुलिस इंस्पेक्टर ने गिल और सब्र यश को इशारा देते हुए गाड़ी से निकलने को कहा. वहीं, गाड़ी की तलाशी लेते हुए चारों पुलिस कर्मियों ने पैसे निकाल लिए. जहां संजय गोयल को सेक्टर- 40 के बाद सेक्टर-39 जीरी मंडी में ले जाया गया. जहां पैसे डस्टर कार में रखते हुए वहां से भाग जाने के लिए कहा.
इस दौरान पुलिस के चंगुल से बचने के बाद संजय गोयल ने अपने परिवार वालों को पूरी वारदात से अवगत करवाया. इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ की एसएसपी से शिकायत की, जिसके बाद यह मामला सेक्टर-39 थाने में दर्ज किया गया. थाने में आईपीसी की धारा-356, 386, 420, 506 और 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया है. जानकारी के मुताबिक, इस केस में अफसरों की भूमिका भी अलग से जांच की जा रही है.