गुवाहाटी :असम में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों ने राज्य में मिशन 100+ की घोषणा की है. हालांकि, यह मिशन भगवा पार्टी के लिए आसान नहीं होने वाला है. अगर वे पहले चरण के मतदान में अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो आगे की राह मुश्किल हो सकती है.
असम के कुल 126 निर्वाचन क्षेत्रों में से पहले चरण में 47 सीटों के लिए अगले शनिवार को वोट डाले जाएंगे. असम गण परिषद (एजीपी), यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) के साथ चुनावों में जा रही भगवा पार्टी ने असम की कुल 126 सीटों में से 100 सीटें सुरक्षित करने का संकल्प लिया है. 2016 में भगवा गठबंधन ने 83 सीटें एक साथ हासिल की थीं, जो बताता है कि गठबंधन को इस बार मिशन 100+ के लक्ष्य को पाने के लिए कम से कम 13 और सीटों की आवश्यकता होगी.
28 पर भाजपा का है कब्जा
पहले चरण के होने वाले मतदान में 47 सीटों में से 28 पर भाजपा का कब्जा है. जबकि उसके साझेदार एजीपी के पास आठ सीटें हैं. दूसरी ओर कांग्रेस ने इन 47 में से नौ क्षेत्रों में जीत हासिल की थी. अखिल भारतीय यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने 2016 में दो सीटें जीती थीं. सभी दलों का यह लक्ष्य है कि मौजूदा सीटें बनाए रखें और ज्यादा सीटें जीतने की कोशिश करें.