उत्तराखंड: केंद्र की मोदी सरकार उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों की यात्रा आसान बनाने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है. इन्हीं में से एक है यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट. 10 साल से भी ज्यादा समय से लटकी यमुनोत्री रोपवे परियोजना को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मंजूर कर लिया है. ये जानकारी उत्तरकाशी के जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने दी.
5 घंटे की यात्रा 10 मिनट में होगी पूरी: चौबे ने कहा कि खरसाली से यमुनोत्री तक 3.7 किमी रोपवे मंदिर की दूरी को कम करने के साथ ही तीर्थयात्रियों को दुर्गम चढ़ाई चढ़ने से बचाएगा. ये रोपवे बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं की यात्रा को भी आसान बनाएगा. रोपवे बनने से 5 किलोमीटर की मुश्किल यात्रा आसान हो जाएगी. सुकून देने वाली बात ये है कि यमुनोत्री रोपवे पांच घंटे की यात्रा को 10 मिनट में समेट देगा.
12 साल पहले रखी गई थी परियोजना की नींव: उत्तरकाशी के जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने कहा कि 2011 में 1 हजार 200 करोड़ रुपये की इस परियोजना की नींव उस समय के बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने रखी थी. उस समय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक थे. चौबे ने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों ने यमुनोत्री रोपवे परियोजना के लिए करीब 14,880 वर्ग गज यानी 62 नाली जमीन दे दी थी. वन भूमि के अधिग्रहण में दिक्कतों के कारण तब से अब तक इस परियोनजा को शुरू नहीं किया जा सका था. पर्यावरण और वन मंत्रालय ने अब परियोजना के लिए 3.8 हेक्टेयर भूमि पर्यटन विभाग का हस्तांतरण कर दिया है.
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उत्तरकाशी जिले में है यमुनोत्री धाम: विश्व प्रसिद्ध मां यमुना का यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में है. मां यमुना के इस धाम तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से जानकीचट्टी तक पहुंचा जाता है. जानकीचट्टी पहुंचने के बाद यमुनोत्री धाम जाने के लिए 5 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पैदल ही चढ़नी पड़ती है. इसी पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों को बड़ी मुश्किल होती है. एक तो मार्ग संकरा है, दूसरा ऊंचाई पर जाते-जाते ऑक्सीजन कम होने के कारण सांस लेने में दिक्कत आती है. रास्ता संकरा होने के कारण यात्रा सीजन में इस मार्ग पर जाम भी लगता है. अब केंद्र सरकार की ओर से यमुनोत्री धाम रोपवे को मंजूरी मिलने से ये तीर्थयात्रा बहुत आसान हो जाएगी.