नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों को लेकर मतभेद सुलझाने के लिए पंजाब के किसान संगठनों को दूसरे दौर की वार्ता के लिए 3 दिसंबर को आमंत्रित किया है. बैठक का पहला दौर 13 नवंबर को हुआ था. इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए थे.
बैठक के बाद किसान नेताओं ने सोमवार को पंजाब में अपने रेल रोको आंदोलन वापस ले लिया था. संगठनों ने केंद्रीय मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए एक शर्त रखी, जिससे केवल माल गाड़ियों को फिर से शुरू किया गया.
पंजाब भाजपा नेता विजय सांपला ने कहा कि कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सरकार द्वारा किसानों को दूसरे दौर की बैठक के लिए निमंत्रण दिया गया है. निमंत्रण को 21 नवंबर तक टाल दिया गया था. 13 नवंबर को हुई पिछली बैठक में कोई हल नहीं निकल सका था.
ईटीवी भारत के साथ टेलीफोन पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बलदेव सिंह राजेवाल ने कहा कि हमने अब तक इस निमंत्रण पर कुछ भी तय नहीं किए है. हरियाणा में किसान नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है और हरियाणा सरकार ने हमें 26 नवंबर को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए पंजाब-हरियाणा बॉर्डर को सील करने का आदेश दिया है. 21 नवंबर के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला है.
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बातचीत के लिए सरकार ने पंजाब सरकार के खाद्य और कृषि विभागों के अधिकारियों को भी आमंत्रित किया है. पिछली बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि) पंजाब अनिरुद्ध तिवारी और आयुक्त (कृषि) पंजाब बलविंदर सिंह सिद्धू उपस्थित थे.
पंजाब के किसान नए कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की भी मांग की है, क्योंकि उन्होंने दावा किया था कि इन नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खरीद की समाप्ति हो सकती है, जिसे केंद्र ने अस्वीकार कर दिया है.