देहरादून: उत्तराखंड में कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं को सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) का बुलावा आया है. सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और हरक सिंह रावत को स्टिंग प्रकरण में नोटिस भेजा है. दोनों को सात नवंबर को सीबीआई के सामने पेश होना है. सीबीआई स्टिंग ऑपरेशन मामले में दोनों के वॉयस सैंपल लेगी.
उत्तराखंड में पूर्ववर्ती कांग्रेस की हरीश रावत सरकार में विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़े स्टिंग प्रकरण पर सीबीआई ने अब जांच तेज कर दी है. इस कड़ी में सीबीआई ने अब कांग्रेस के दो बड़े नेताओं हरक सिंह रावत और हरीश रावत को नोटिस दिया. नोटिस के जरिए सीबीआई ने 7 नवंबर को वॉयस सैंपल के लिए इन दोनों ही नेताओं को बुलाया है.
हरीश रावत को नोटिस देने हॉस्पिटल पहुंची सीबीआई की टीम.
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दरअसल हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग सामने आया था. हालांकि इस दौरान हरक सिंह रावत समेत कांग्रेस के कई नेता बीजेपी के पहले में चले गए थे. और विधायकों को कांग्रेस में बनाए रखना के लिए हरीश रावत से डीलिंग का वीडियो सामने आया था.
हरीश रावत को नोटिस देती हुई सीबीआई की टीम.
फिलहाल हरीश रावत एक सड़क दुर्घटना के बाद जॉली ग्रांट अस्पताल में भर्ती है और बताया जा रहा है कि उन्हें 7 नवंबर को वॉयस सैंपल के लिए नोटिस दिया जा चुका है. इसी तरह पिछले कई दिनों से दिल्ली में डटे रहने वाले हरक सिंह रावत फिलहाल देहरादून में है और उन्हें भी यह नोटिस मिल गया है. सीबीआई ने हॉस्पिटल जाकर ही हरीश रावत को नोटिस दिया है. जिस पर हरीश रावत ने कहा कि सीबीआई उनका हालचाल लेने आए थे.
एक नजर उत्तराखंड स्टिंग केस पर
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ईटीवी भारत से बात करते हुए हरक सिंह रावत ने इसकी पुष्टि की है और उन्होंने कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे. इस मामले में सीबीआई ने न केवल हरीश रावत और हरक सिंह रावत को पार्टी बनाया है, बल्कि उस दौरान हुए कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट के स्टिंग को लेकर भी मदन बिष्ट और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार शर्मा को भी पार्टी बनाया है. फिलहाल सीबीआई इस मामले में तेजी से जांच करती हुई दिखाई दे रही है और वॉयस सैंपल के बाद इन नेताओं से सीधी पूछताछ भी हो सकती है.