बेंगलुरु : सीबीआई ने बुधवार को कथित रूप से यूनियन बैंक धोखाधड़ी से संबंधित मामले में सहकारी समितियों के निदेशक मंडल के कई स्थानों पर छापेमारी की.
सीबीआई ने एक सहकारी समिति, सूरत मंडी विभाग सहकारी कृषि उद्योग मंडली लिमिटेड और उसके निदेशक मंडल पर 2013-15 की अवधि के दौरान यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को कथित रूप से धोखा देने के लिए कार्रवाई की है. इस धोखे के कारण बैंक को 42.30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
अधिकारियों ने जयनगर, मलेश्वरम और बेंगलुरु शहर में अन्य जगहों पर छापेमारी की.
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जांच में सामने आया कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की तीन शाखाओं ने कुल 42.30 करोड़ रुपये के लोन का भुगतान किया था. यह लोन यूनियन ग्रीन कार्ड स्कीम के तहत 1728 किसानों के नाम पर दिया गया था, जिसका भुगतान सहकारी समिति के करेंट खाते में हुआ था और उसे किसानों में वितरित नहीं किया गया था.
सीबीआई के अधिकारियों ने मामला दर्ज कर शहर में कई जगहों पर छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी में लोन से जुड़े कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं और मामले की जांच चल रही है.