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WB: बीरभूम हिंसा के बाद लोग कर रहे पलायन, HC ने लिया स्वत: संज्ञान

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बीरभूम जिले के रामपुरहाट की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट अब इस मामले की सुनवाई दोपहर 2 बजे करेगा. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'बीरभूम में हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से संबंध रखते हों.'

Calcutta High Court registers a suo moto case in the incident of Rampurhat, Birbhum district.
बीरभूम हिंसा के बाद लोग कर रहे पलायन, HC ने लिया स्वत: संज्ञान

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Published : Mar 23, 2022, 11:48 AM IST

Updated : Mar 23, 2022, 2:07 PM IST

कोलकाता :कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बीरभूम जिले के रामपुरहाट की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच आज दोपहर 2 बजे इस मामले की सुनवाई करेगी. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के स्थानीय नेता की हत्या के कुछ देर बाद संदिग्ध तौर पर रामपुरहाट के करीब एक गांव में दर्जनभर झोपड़ियों को आग लगा दी गई थी जिनमें दो बच्चों और तीन महिलाओं समेत आठ लोगों की जलने से मौत हो गई थी.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए बृहस्पतिवार को हिंसा प्रभावित बीरभूम जिले का दौरा करने वाली थी लेकिन इसे स्थगित कर दिया. कहा गया कि वहां अन्य राजनीतिक दलों के डेरा डालने के कारण इसे स्थगित किया गया. उन्होंने कहा, 'बीरभूम में हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से संबंध रखते हों.'

बीरभूम में आग लगने की घटना के बाद स्थानीय लोग अपने घरों को छोड़कर अन्य जगहों पर जा रहे हैं. एक ग्रामीण ने कहा,'हम सुरक्षा के मद्देनजर घरों से निकल रहे हैं. इस हादसे में मेरे देवर की मौत हो गई है. अगर पुलिस द्वारा सुरक्षा होती, तो यह घटना नहीं होती.' वहीं, दिल्ली में बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने कहा, 'हमें शर्म आती है कि पश्चिम बंगाल में ऐसी घटना हुई. बेगुनाहों, बच्चों को जिंदा जलाया, गांव छोड़कर जा रहे हैं लोग. राज्य में अब तक 200 से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. सरकार क्या कर रही है? इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.' विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा पश्चिम बंगाल विधायकों का प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 2:30 बजे बीरभूम में रामपुरहाट नरसंहार स्थल का दौरा करेगा. भाजपा सांसद अर्जुन सिंह, ज्योतिर्मय सिंह महतो भी साथ होंगे.

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में टीएमसी के स्थानीय नेता की हत्या के बाद रामपुरहाट के करीब एक गांव में कई झोपड़ियों को आग लगा दी गई जिनमें दो बच्चों और तीन महिलाओं समेत आठ लोगों की मौत हो गई. इसके बाद विपक्षी भाजपा ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. सभी आठ मृतकों को मंगलवार रात को जिला अधिकारियों की मौजूदगी में दफन कर दिया गया. सूत्रों ने बताया कि वयस्क मृतकों की पहचान मीना बीबी, नूरनिहार बीबी, रूपाली बीबी, बानी शेख, मिहिर शेख और नेकलाल शेख के तौर पर हुई है.

मामले में कुल 11 गिरफ्तार

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज मालवीय के मुताबिक, कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एडीजी (सीआईडी) ज्ञानवंत सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया है. रामपुरहाट शहर के बाहरी हिस्से में स्थित बोगतुई गांव के निवासियों की आंख बम धमाकों की आवाज़ों से खुली. स्थानीय ग्रामीणों ने आग बुझाने की कोशिश की और पुलिस और दमकल को मदद के लिए बुलाया. लेकिन आग की लपटों में दो बच्चों सहित सात की मौत हो गई, जबकि बचाए गए एक अन्य शख्स की बाद में अस्पताल में मौत हो गई.

इस घटना में जीवित बचने वालों में से एक, नजीरा बीबी ने रामपुरहाट में अस्पताल के बिस्तर से न्यूज एजेंसी को बताया, 'हम सो रहे थे और अचानक बमों की आवाज सुनी … बदमाशों ने हमारे घरों में आग लगा दी. मैं भागने में सफल रही, लेकिन यह नहीं जानती कि परिवार के अन्य लोगों के साथ क्या हुआ है.' पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने घटना को भयावह करार देते हुए राज्य के ‘हिंसा एवं अराजकता’ की संस्कृति की गिरफ्त में होने का दावा किया.

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे अनुचित बयान देने से बचने का आग्रह किया और कहा कि उनके बयानों का राजनीतिक स्वर होता है, जो सरकार को धमकाने के लिए अन्य राजनीतिक दलों को समर्थन मुहैया कराते हैं. भाजपा के नौ सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की, जिसके बाद घटना पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी. गृह मंत्री से मिलने वालों में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष, लॉकेट चटर्जी और अर्जुन सिंह शामिल थे. भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने घटना की जांच करने के लिए मौके पर जाने के वास्ते मंगलवार को पांच सदस्य समिति गठित की, जिनमें से चार सांसद हैं.
तथ्यान्वेषी समिति में उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ब्रजलाल, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह, पूर्व आईपीएस अधिकारी केसी राममूर्ति, पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार-सभी सांसद-और पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष को शामिल किया गया है.

डीजीपी मालवीय ने बताया कि टीएमसी के बरशाल ग्राम पंचायत के उप प्रमुख भादू शेख की सोमवार रात करीब साढे़ आठ बजे हत्या कर दी गई जिसके कुछ देर बाद यह घटना हुई. पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय ने पत्रकारों से कहा, 'स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है और गांव में एक पुलिस पिकेट स्थापित की गयी है. हम जांच कर रहे हैं कि गांव के मकानों में आग कैसे लगी और क्या यह घटना बरशाल गांव के पंचायत उप प्रमुख की मौत से संबंधित है जो गहरी निजी दुश्मनी के कारण की गई प्रतीत होती है.'

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उन्होंने कहा, 'हम इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं कि आग अन्य घटनाओं के प्रतिशोध के कारण लगाई गई थी. इसकी जांच की जा रही है. अगर ऐसा था, तो यह गहरी निजी दुश्मनी के कारण होगा.' डीजीपी ने कहा कि संबंधित अनुमंडल पुलिस अधिकारी और रामपुरहाट थाने के प्रभारी अधिकारी को सक्रिय पुलिस ड्यूटी से हटा दिया गया है. तृणमूल ने स्थिति का जायजा लेने के लिए मंत्री फिरहाद हकीम के नेतृत्व में तीन विधायकों की एक टीम को गांव भेजा है. हाकिम ने मौके का मुआयना करने का बाद कहा कि टीएमसी नेता की हत्या करना और घर पर गोलीबारी करना एक गहरी साजिश है और उन्होंने पुलिस से इसकी जांच करने को कहा है.

शुभेंदु अधिकारी ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. उन्होंने टीएमसी पर अपने ही लोगों की हत्या करने का आरोप लगाते हुए कहा, 'राज्य में अराजक स्थिति साबित करती है कि राष्ट्रपति शासन लगाना ही राज्य की रक्षा का एकमात्र तरीका है. हमारा प्रतिनिधिमंडल कल क्षेत्र का दौरा करेगा. हम इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे.' वह टीएमसी में अंदरूनी झगड़े की ओर संकेत दे रहे थे.

अधीर रंजन बोले- स्थिति खराब हो रही है

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में स्थिति खराब हो रही है और यहां संविधान का अनुच्छेद 355 लागू किया जाना चाहिए. भाजपा विधायकों ने घटना को लेकर सदन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बयान देने की मांग करते हुए मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा से बहिर्गमन किया. माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को मौतों की जिम्मेदारी लेनी चाहिये. सलीम ने पार्टी मुख्यालय में दावा किया कि सत्तारूढ़ दल के लोग अब एक-दूसरे को ही मार रहे हैं. सत्तारूढ़ दल के महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि इस त्रासदी में तृणमूल कांग्रेस के शामिल होने के आरोप निराधार हैं. उन्होंने कहा, 'हम उन मौतों की निंदा करते हैं, दुर्घटनावश आग लगने के कारण हुई प्रतीत होती हैं. हमारी पार्टी के एक नेता की कल रात हत्या कर दी गई. राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.'

Last Updated : Mar 23, 2022, 2:07 PM IST

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