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Budget 2023 : लीव एनकैशमेंट में टैक्स पर मिली छूट, जानें कितने का होगा फायदा - exemption from tax in leave encashment

प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को इस साल के आम बजट पर बड़ी राहत देते हुए ऐलान किया कि लीव एन्कैशमेंट (Leave Encashment) में छूट की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है.

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Published : Feb 1, 2023, 4:18 PM IST

नई दिल्ली : आम बजट 2023 में सरकार ने प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पांचवां बजट पेश करते हुए ऐलान किया कि निजी कर्मचारियों के लिए लीव एन्कैशमेंट (Leave Encashment) में छूट की सीमा बढ़ा दी गई है. अब तक यह सीमा तीन लाख रुपये थी, जो अब बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है. आयकर कानून 1961 की धारा 10(10एए)(2) के तहत यह बदलाव किया गया है. हालांकि, धारा के अन्य प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बता दें कि अगर नौकरी में रहकर कोई कर्मचारी छुट्टियों को एनकैश कराता है, तो उसे सैलरी का हिस्सा माना जाता है.

लीव एन्कैशमेंट क्या है?

सैलरीड एम्पलॉई को लीव एन्कैशमेंट के बारे में जानकारी होगी. लीव एन्कैशमेंट का मतलब किसी कर्मचारी की बची हुई छुट्टियों को कैश में तब्दील करना होता है. चाहे प्राइवेट हों या सरकारी सभी कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में इसकी जानकारी दी जाती है कि उनकी एक साल में कितनी छुट्टी होगी और कितनी वो एन्कैश करा सकते हैं. इसमें आपको पता होना चाहिए कि लीव एन्कैशमेंट टैक्सेशन के दायरे में आता है. हालांकि, कुछ कंपनियों में यह सुविधा नहीं मिलती. यहां तक कि कैरी फॉरवर्ड कराने वाली छुट्टियां भी एक लिमिट में होनी चाहिए. इस लिमिट के पार जाने वाली छुट्टियां या तो लैप्स हो जाती हैं या फिर कंपनी की पॉलिसी के हिसाब से इसे एन्कैश कर दिया जाता है और यही अमाउंट टैक्स के दायरे में आता है. दरअसल, इसे आपकी सैलरी का हिस्सा माना जाता है और इस लिहाज से यह उसी तरह टैक्सेशन का पार्ट होता है, जिसतरह से आपकी सैलरी टैक्सेशन का पार्ट है.

क्या है लीव एन्कैशमेंट पर टैक्सेशन का नियम?

अगर कोई कर्मचारी सेवानिवृत्ति लेता है और उसके पास अर्न्ड लीव हैं, तो वो इन्हें एन्कैश करा सकता है. टर्मिनेशन यानी जॉब से निकाले जाने की स्थिति में कर्मचारी अपनी छुट्टियां कैश नहीं करा सकता है. अगर जॉब में रहते हुए छुट्टियां एन्कैश कराना चाहते हैं तो इसे आपकी सैलरी का हिस्सा माना जाएगा और एक कैलेंडर ईयर खत्म होने के साथ ही एक बार रीडीम किया जा सकेगा. एन्कैश की हुई लीव, कुल अर्न्ड लीव का आधा या फिर 30 दिनों की अर्न्ड लीव, जो भी कम हो, उससे ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अधिकतम 300 छुट्टियों को एन्कैश कराने की इजाजत है. लीव एन्कैशमेंट का कैलकुलेशन बेसिक पे और महंगाई भत्ते के आधार पर किया जाता है.

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