नई दिल्ली/गाजियाबाद :राजधानी से सटे गाजियाबाद में दो पड़ोसियों का झगड़ा इस कदर बढ़ गया कि एक ने दूसरे को फंसाने के लिए छत पर बम प्लांट कर दिए. इसकी फोटो खींचकर उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भेज दिया और बताया कि वह दिल्ली दंगे में शामिल है. पुलिस ने उस शख्स को पकड़ लिया, लेकिन जब उससे पूछताछ की गई तो पता चला कि यह कारनामा उसके पड़ोसी का है. इस घटना को लेकर लोनी थाने में स्पेशल सेल ने मामला दर्ज करवा दिया गया है.
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को कुछ दिनों पहले एक इनपुट मिला जिसमें बताया गया कि गाजियाबाद का रहने वाला अंसार आलम एवं उसका बेटा इमरान उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में शामिल हैं. इन दंगों के लिए उसने बम उपलब्ध कराए थे. स्पेशल सेल को एक फोटो भी भेजी गई जिसमें बताया गया कि उसकी छत पर बम रखे हुए हैं.
आतंकी बता पुलिस को दी सूचना और खुद ही फंस गया इस सूचना पर स्पेशल सेल की टीम तुरंत बताए गए पते पर पहुंची और वहां से अंसार को हिरासत में ले लिया. उसके छत की तलाशी ली गई जहां से सात बम बरामद हुए. पुलिस टीम स्पेशल सेल के दफ्तर में उसे पूछताछ के लिए ले आई.
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यहां पर दिल्ली पुलिस के अलावा खुफिया विभाग की टीम ने भी उससे कई घंटों तक पूछताछ की. लेकिन वह बम से अपना संबंध होने की बात से इनकार करता रहा. उसने पुलिस को बताया कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि यह बम उसकी छत पर कैसे पहुंचे. पुलिस टीम ने कई तरीकों से उससे पूछताछ की लेकिन अंत में वह इस नतीजे पर पहुंचे कि मामले में कुछ गड़बड़ी है.
उन्होंने अंसार से पूछा कि किसी से उसकी रंजिश चल रही थी. उसने बताया कि पड़ोसी मुज्जमिल अल्वी से उसका झगड़ा लंबे समय से चल रहा है. इसी झगड़े में पुलिस को मामले का सुराग दिखा.
पुलिस टीम ने उसके पड़ोसी को जब हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि उसने अंसार को फंसाने के लिए पूरी साजिश रची थी. उसने पहले बम बनाया और इसकी फोटो खींचने के बाद उसे अंसार की छत पर रख दिया. इस पूरे मामले को लेकर लोनी थाने में स्पेशल सेल ने शिकायत दी है जिस पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
इस बात की भी जांच की जा रही है कि वह बम बनाने का यह सामान कहां से लाया. प्राथमिक जांच में पता चला है कि नील गाय को भगाने के लिए इस तरह के बम ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए जाते हैं. फिलहाल आगे की जांच गाजियाबाद पुलिस द्वारा की जा रही है.
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