नई दिल्ली :पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार का चौथा चरण शुरू हो चुका है. लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के साथ ही अभी तक कांग्रेस के बड़े नेता चुनाव प्रचार को लेकर न तो पश्चिम बंगाल गए और न ही कोई रैली की. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि अब उनकी पार्टी चौथे चरण के प्रचार में राहुल-प्रियंका की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाएगी. साथ ही कांग्रेस व ममता में हुए अंदरखाने के समझौते को जनता के सामने लाएगी.
पश्चिम बंगाल में चौथे चरण का चुनाव प्रचार चल रहा है और राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा समेत कांग्रेस का कोई भी वरिष्ठ नेता अभी तक एक भी रैली करने वहां नहीं गया. जबकि असम, केरल और तमिलनाडु में कांग्रेस के नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं. राहुल गांधी कई बार केरल जा चुके हैं और पूरा दारोमदार राहुल गांधी ने केरल पर लगा दिया है. प्रियंका गांधी ने भी केरल में रैली को संबोधित किया है.
हालांकि, पार्टी के नेता यह कह रहे हैं कि राहुल और प्रियंका चौथे चरण के बाद चुनाव प्रचार करेंगे. तब तक केरल में चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा. मगर सूत्रों की मानें, तो मुद्दा यह है कि कांग्रेस वाम दलों के खिलाफ केरल में चुनाव लड़ रही है और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने वामदलों के साथ गठबंधन किया है. ऐसे में पार्टी के बड़े नेता अगर रैली में कुछ बोलते हैं, तो उस पर विपक्षी पार्टियां आलोचना करेंगी. यही वजह है कि पार्टी वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम पश्चिम बंगाल में लगाने से डर रही है. वहीं भारतीय जनता पार्टी इस बात को बढ़ा-चढ़ाकर प्रचार करना चाहती है.
सूत्रों की मानें तो अंदरखाने राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस हमेशा से ममता को लेकर चल रही है. जहां राज्य की राजनीति में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व ममता बनर्जी की आलोचना करता है, वही केंद्रीय नेतृत्व के साथ ममता बनर्जी के अच्छे संबंध हैं. अभी तक ममता के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कोई भी बयानबाजी नहीं की है. राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में वामपंथी दलों के साथ गठबंधन किया था, तो अंदरखाने यूपीए के साथ चलने वाले अन्य दलों ने इस पर नाराजगी भी जाहिर की थी.