काउंटिंग के दौरान BJP और AAP पार्षदों के बीच मारपीट हो गई. नई दिल्ली: एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव की प्रक्रिया को भारी बवाल के बाद शुक्रवार रात 9 बजे रोक दिया गया. AAP और BJP पार्षदों के बीच हुई मारपीट को देखते हुए मेयर ने 27 फरवरी तक के लिए चुनाव को टाल दिया. अब दोबारा चुनाव कराया जाएगा. दोनों पार्टियों के बीच एक वोट को लेकर मारपीट हुई थी. मेयर ने एक वोट को रद्द कर दिया था, जबकि BJP के पार्षद उसकी गिनती को लेकर अड़ गए थे. इस पर ही हंगामा हुआ.
इससे पहले वोटिंग प्रक्रिया प्रक्रिया दोपहर ढाई बजे खत्म हो गई. इस चुनाव में भी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव की कांग्रेस पार्षद गैरहाजिर रहे. कांग्रेस के सभी 8 पार्षदों ने वोट नहीं डाला. इस कारण 242 पार्षद वोटिंग कर सके. मतगणना खत्म हो गई है. एक वोट की वैधता पर मामला उलझ गया था. वहीं, AAP और BJP के पार्षद टेबल पर चढ़कर नारेबाजी करने लगे. इसके बाद AAP और BJP पार्षदों के बीच मारपीट हो गई है.
सुबह 10 बजे से दोबारा चुनावी प्रक्रिया शुरू हुई. एक-एक पार्षदों को वोटिंग के लिए बुलाया गया. वहीं, जब पार्षद पवन सेहरावत वोट डालने के लिए आए, तब सदन में नारेबाजी की गई है. इससे पहले दिल्ली नगर निगम की बैठक शुरू होने से पहले ही बीजेपी पार्षदों ने सदन में हंगामा शुरू किया था और जमकर नारेबाजी की थी. वहीं मेयर शैली ओबरॉय सदन में पहुंची. उन्होंने बीजेपी की स्थायी सदस्यों का चुनाव दोबारा कराने और वोटिंग के दौरान मोबाइल की इजाजत नहीं देने की मांग को स्वीकार कर लिया है. बुधवार को जिन 47 पार्षदों ने वोट डाला था, उसे निरस्त कर दिया गया है.
मेयर शैली ओबरॉय ने कहा कि कुछ पार्षदों द्वारा स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में हंगामा किया गया. आज सभी से अनुरोध है कि शांतिपूर्वक हम सब चुनाव की प्रक्रिया का पालन करेंगे और अनुशासित रहेंगे. आज हम दोबारा शुरू से चुनाव कराएंगे और वार्ड एक से चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी. वहीं, अभी तक 242 पार्षदों ने अपने मत का प्रयोग किया है.
दरअसल, बीजेपी स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव को नए सिरे से कराने की मांग पर अड़ी हुई थी. गुरुवार को भारी हंगामें की वजह से बैठक को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. बीजेपी लगातार अपनी मांग पर अड़ी है कि स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव नए सिरे से कराए जाएं. हालांकि मेयर शैली ओबरॉय इस बात पर अभी भी चुप्पी साधी हुई हैं कि चुनाव फिर से कराया जाए या नहीं.
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के विदेश के बाद बुधवार को बुलाई गई निगम की बैठक में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव संपन्न हुआ. मेयर के लिए आम आदमी पार्टी की शैली ओबरॉय निर्वाचित हुईं, जबकि डिप्टी मेयर के पद पर आले मोहम्मद ने जीत दर्ज की. मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के बाद नवनिर्वाचित मेयर शैली ओबरॉय ने चुनाव की प्रक्रिया शुरू की.
50 से ज्यादा पार्षदों ने जब मतदान कर दिया तो भाजपा की तरफ से मांग की गई की निष्पक्ष चुनाव के लिए मतदान के दौरान मोबाइल पर प्रतिबंध लगाया जाए. इस मांग को लेकर भाजपा के पार्षद वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे. तकरीबन आधे घंटे तक चली नारेबाजी के बाद मेयर शैली ओबरॉय ने अपने आदेश को वापस लिया और वोटिंग के दौरान मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके बाद भाजपा पार्षद वेल से हट गए, लेकिन वोटिंग प्रक्रिया शुरू होती, इससे पहले भाजपा पार्षद एक बार फिर वेल में आ गए और उन्होंने मोबाइल पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले हुए वोटिंग पर सवाल उठाते हुए नए सिरे से चुनाव कराने की मांग करने लगे.
भाजपा पार्षदों की मांग को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ, यहां तक की तोड़फोड़ और मारपीट तक की नौबत आ गई. मेयर ने एक दर्जन से ज्यादा बार बैठक स्थगित की, लेकिन चुनाव नहीं हुआ. बुधवार पूरी रात चले ड्रामे के बाद गुरुवार सुबह हुई बैठक में कार्रवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
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