लखनऊ:आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर योगी सरकार ने 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के लक्ष्य पर चलने को लेकर बड़ा अभियान शुरू किया है. पार्टी की रणनीति है कि हर बूथ से 10 फीसदी मुस्लिम वोट जरूर हासिल किया जाए. यही वजह है कि भाजपा अपने अल्पसंख्यक मोर्चा को मजबूत रही है. अपने वर्तमान कार्यकर्ताओं और नेताओं की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य भाजपा ने शुरू किया है.
भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के करीब 44,000 सदस्यों को राज्यभर में अल्पसंख्यकों के बीच काम करने के लिए लगाया जा रहा है. वह मुस्लिम मोहल्लों में जाकर अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए केंद्र और योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देंगे.
44,000 कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जाएगी
राज्य में भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में लगभग 20,000 नेता और कार्यकर्ता हैं. जल्द ही 44,000 कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जाएगी. मुसलमानों के बीच आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी सरकारों की उपलब्धियों के विषय में बताएंगे.
2019 में जब केंद्र सरकार तीन तलाक को अपराध घोषित करने वाला कानून लाई, तो योगी सरकार ने इस प्रथा के कारण पीड़ित महिलाओं के लिए ₹500 प्रति माह की वित्तीय सहायता की घोषणा की थी, जिसका असर पीड़ित महिलाओं और उनके परिवारों पर काफी सकारात्मक रहा है.
2017 के विधानसभा चुनाव परिणाम वाले दिन बसपा सुप्रीमो मायावती इस बार पर जबरदस्त तरीके से नाराज नजर आई थीं कि जो सीटें मुस्लिम बहुल थीं और ऐसे बूथ जहां 98 फीसद मुसलमान थे, वहां भाजपा को वोट कैसे मिला? मायावती ने इसको लेकर ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा था लेकिन, भाजपा नेताओं का मानना था कि उनको मुस्लिमों ने भी वोट दिया है.