नई दिल्ली : आगामी लोकसभा और इस साल कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को चार राज्यों में महत्वपूर्ण संगठनात्मक बदलाव किए. इसके तहत पार्टी ने बिहार विधान परिषद में पार्टी के नेता सम्राट चौधरी को बिहार इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया जबकि चितौड़गढ़ से सांसद चंद्र प्रकाश जोशी (सीपी जोशी) को भाजपा की राजस्थान इकाई की जिम्मेदारी सौंपी गई.
पार्टी महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी अलग-अलग विज्ञप्तियों के मुताबिक दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को प्रोन्नत करते हुए प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया और ओडिशा के पूर्व मंत्री व वरिष्ठ नेता मनमोहन सामल को राज्य इकाई के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सिंह ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इन नियुक्तियों को हरी झंडी दी है और यह तत्काल प्रभाव से लागू होंगी.
कुशवाहा (अन्य पिछड़ा वर्ग) समाज से आने वाले सम्राट चौधरी बिहार के दिग्गज नेता रहे शकुनी चौधरी के पुत्र है. शकुनी चौधरी सात बार विधायक रहे हैं. वह बिहार भाजपा अध्यक्ष के रूप में संजय जायसवाल की जगह लेंगे. सम्राट चौधरी बिहार भाजपा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह 1999 में कृषि मंत्री और 2014 में शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं.
चौधरी 54 वर्ष के हैं और 2018 में भाजपा में शामिल होने के बाद उनके कद में लगातार इजाफा हुआ है. कभी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के करीबी रहे, सम्राट चौधरी ने वर्ष 2014 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़कर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का दामन थाम लिया था.
ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखने वाले सीपी जोशी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज की और दूसरी बार संसद पहुंचे. वह प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सतीश पूनिया की जगह लेंगे. जोशी कभी राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेहद करीबी माने जाते थे. हालांकि उनके बारे में पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि वह राजस्थान में भाजपा के किसी गुट के नहीं हैं. पूनिया के वसुंधरा से कभी अच्छे संबंध नहीं रहे. राजस्थान में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं.
प्रदेश भाजपा के एक नेता ने कहा कि उनकी नियुक्ति इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे गुलाब चंद कटारिया को राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया है, लिहाजा उदयपुर संभाग में उनकी कमी को पूरा करने के लिए भाजपा को एक मजबूत नेता की जरूरत है ताकि आगामी चुनावों में पार्टी को इन क्षेत्रों में कोई नुकसान ना हो. सचदेवा को पिछले साल दिसंबर में दिल्ली भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. उन्होंने आदेश गुप्ता की जगह ली थी. कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभालने के बाद सचदेवा दिल्ली में बेहद सक्रिय रहे हैं और उन्होंने केजरीवाल सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.