दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

तलाक के बाद महिला पूर्व पति से वित्तीय राहत नहीं मांग सकती : उच्च न्यायालय

गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा है कि तलाक हो जाने के बाद कोई भी महिला अपने पूर्व पति से महिला घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम के तहत वित्तीय राहत की मांग नहीं कर सकती है. पढ़ें विस्तारपूर्वक...

gujarat-high-court-on-after-divorce
तलाक के बाद महिला पूर्व पति से वित्तीय राहत नहीं मांग सकती

By

Published : Jan 3, 2020, 7:38 AM IST

Updated : Jan 3, 2020, 12:25 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा कि तलाक हो जाने के बाद कोई भी महिला अपने पूर्व पति से वित्तीय राहत की मांग नहीं कर सकती है. कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि महिला घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम के तहत महिला वित्तीय राहत नहीं मांग सकती.

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति उमेश त्रिवेदी ने हाल ही में तलाक के 27 साल बाद पति के खिलाफ महिला की कार्यवाही को खारिज करते हुए यह व्यवस्था दी.

अदालत ने कहा, 'पत्नी (इस कानून) के तहत तब तक पीड़ित होगी, जब तक घरेलू संबंध बना रहेग. जैसे ही यह टूट गया, घरेलू संबंध भी खत्म हो गया और तब वह पीड़ित नहीं होगी.

पढ़ें : उत्तर प्रदेश : तीन तलाक पीड़िताओं को 6000 रु. वार्षिक पेंशन देने की तैयारी

अदालत ने याचिकाकर्ता कांजी परमार के खिलाफ महिला घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम की धारा 19 और 20 के तहत कार्यवाही खारिज कर दी. उसकी पूर्व पत्नी उर्मिलाबेन परमार ने वित्तीय राहत की मांग की थी.

इस दंपत्ति की 1984 में शाद हुई थी और 1990 में उनके बीच तलाक हो गया था.

Last Updated : Jan 3, 2020, 12:25 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details