जयपुर : बसों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा जमकर राजनीति कर रही है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी यूपी में पैदल चलते श्रमिकों के लिए बस उपलब्ध करवाने की बात कर रही हैं, लेकिन कोटा से हजारों की संख्या में श्रमिक पैसा देकर अपने गृह राज्यों की ओर रवाना हो रहे हैं.
बता दें, कि गुरुवार ऐसे ही कुछ श्रमिक कोटा से पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हुए. इन श्रमिकों में किसी ने किराया दूसरे से उधार लिया तो किसी ने अपनी पत्नी के जेवर को गिरवी रख कर पैसा लिया है. कुछ ने अपने गांव से किराया मंगवाया है. यहां काम बंद होने से भूखे मरने की नौबत थी. बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल गई सभी बसों को कोटा जिला कलेक्ट्रेट से परमिशन मिली है.
सरकारों से लेकर जिला प्रशासन तक से मांगी मदद
बंगाल जा रहे मजदूरों का कहना है कि उन्होंने सरकार से भी काफी मदद मांगी. जिला कलेक्टर और थाने में जाकर पुलिस से भी संपर्क किया. सराफा व्यवसायियों से भी बात की थी कि उनके लिए बस या ट्रेन का इंतजाम किया जाए, लेकिन कोई व्यवस्था उनके लिए नहीं की गई. उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार से भी आग्रह किया था, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी किसी तरह की कोई मदद उन लोगों की नहीं की. इसके बाद जो भी लोग जाना चाहते थे, उन सब ने पैसा इकट्ठा कर बसों का इंतजाम किया है. इसमें 7 बसों के जरिए 210 आदमी पश्चिम बंगाल रवाना हुए.
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