नई दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 के खिलाफ देशभर में भड़के हिंसक प्रदर्शनों को छद्म-धर्म निरपेक्षतावादियों द्वारा निहित स्वार्थों से प्रेरित एक देश विरोधी निंदनीय कृत्य बताया है.
विहिप के महामंत्री मिलिंद परांदे ने इस मसले पर ईटीवी भारत से बातचीच में कहा कि विदेशी घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने और पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान के धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों को भारत में शरण देने से किसी भी भारतीय को कोई हानि नहीं है. इसके बावजूद कुछ छद्म-धर्म निरपेक्षतावादियों और निहित स्वार्थी राजनीतिक दलों द्वारा जनता को भड़का कर जो हिंसक प्रदर्शन कराए जा रहे हैं. वह निंदनीय और खतरनाक है.
उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन के नाम पर किसी को भी रेलवे स्टेशन, बसों, सरकारी सम्पत्ति, मीडिया या सुरक्षा बलों पर हमला करने की छूट नहीं दी जा सकती. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राज्य सरकारें देश की संसद व राष्ट्रपति द्वारा अधिकृत सीएए का विरोध कर इन हिंसक प्रदर्शनों में केवल मूक दर्शक बनी हुई हैं, जबकि इस अधिनियम का पालन करने के लिए संवैधानिक रूप से सभी को आगे आना चाहिए.