नई दिल्ली :वयोवृद्ध कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा का निधन हो गया है. वह एक दिन पहले 20 दिसंबर को 92वे वर्ष के हुए थे. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को हुआ था. वोरा दो बार (1985 से 1988 और जनवरी 1989 से दिसंबर 1989 तक) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वोरा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शोक व्यक्त किया है.
मोतीलाल वोरा 1972 से 1990 तक छह बार मध्य प्रदेश में विधायक चुने गए. इसके बाद 1993 से 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर रहे. 1998 में वोरा 12वीं लोकसभा के सदस्य चुने गए.
प्लेन पर चढ़ते ही अपना फोन स्विच ऑफ कर देते
मध्य प्रदेश के जब वह सीएम थे, तो उन्हें हटाने की भी राजनीति चलती रही. हर सप्ताह कयास लगाए जाते थे कि उन्हें पद से हटाया जा सकता है. ऐसे में उस समय माधव राव सिंधिया उनकी ढाल बनकर खड़े हुए थे.
कहा जाता है कि जब भी वोरा प्लेन पर जाते थे, तो अपना सैटेलाइट फोन स्विट ऑफ कर दिया करते थे. उन्हें भय लगता था कि कहीं रास्ते में ही उन्हें हटाने की खबर न मिल जाए. इसके बावजूद उन्होंने अपना काम किया. मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद जब छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ, तो वोरा ने सिंधिया को कई मौकों पर बतौर अतिथि बुलाया. उस समय सिंधिया रेल मंत्री हुआ करते थे. उनकी जोड़ी इतनी अधिक मशहूर हो गई थी कि लोग उन्हें 'मोती-माधव एक्सप्रेस' तक कहने लगे थे. छत्तीसगढ़ के लिए बहुत सारे रेल प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिलवाई थी.
दरअसल, सिंधिया अर्जुन सिंह के प्रतिद्वंद्वी थे. शुक्ला बंधु से भी उनके संबंध बहुत मधुर नहीं थे. ऐसे में सिंधिया और वोरा की जोड़ी काफी ताकतवर मानी जाती थी.
मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल थे. वह गांधी परिवार के काफी करीब थे. 18 सालों तक वे कांग्रेस के खजांची रहे. 2018 में राहुल गांधी ने उनकी जगह अहमद पटेल को खजांची की जिम्मेवारी सौंपी. 2000 से 2018 तक लगातार पार्टी के कोषाध्यक्ष बने रहे.
मध्य प्रदेश में अर्जुन सिंह की कैबिनेट में वह शिक्षा मंत्री बने.
1993 में वह यूपी के तीन सालों तक गवर्नर रहे. वह केंद्रीय मंत्री भी रहे.
2019 में जब राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, तो मोतीलाल वोरा को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा तेज थी.
1968 में मोतीलाल वोरा समाजवादी पार्टी के सदस्य थे. 1970 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया. पं. किशोलीलाल शुक्ला उनके समकक्ष थे.
फिलहाल, वोरा राज्यसभा के सदस्य थे. वह पार्टी के महासचिव पद पर तैनात थे. छह अक्टूबर को उन्हें कोरोना संक्रमित पाया गया था. उसके बाद उनका इलाज एम्स में चल रहा था.