नई दिल्ली : पाकिस्तान ने चीन के जरिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की. हालांकि पाकिस्तान की इस कोशिश को तब करारा झटका लगा जब यूएनएससी के अन्य सदस्यों ने इस मुद्दे पर बहस करने से इनकार कर दिया. सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर बहस के लिए उचित स्थान नहीं है.
चीन ने न्यूयार्क में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बंद कमरे में हुई बैठक में एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया, लेकिन उसकी यह कोशिश नाकाम हो गई क्योंकि परिषद के अन्य सभी देशों ने इसका विरोध किया.
पाकिस्तान के आरोप भय उत्पन्न करने वाले
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'हमने एक बार फिर देखा कि संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य द्वारा उठाया गया कदम दूसरों द्वारा सिरे से खारिज कर दिया गया.' अकबरुद्दीन ने कहा, 'हम खुश हैं कि संयुक्त राष्ट्र के मंच पर आज पाकिस्तानी प्रतिनिधियों द्वारा पेश की गई भय उत्पन्न करने वाली स्थिति और निराधार आरोप विश्वसनीय नहीं पाए गए.'
सैयद अकबरुद्दीन ने दी जानकारी पाक का प्रयास भटकाने वाला
उन्होंने कहा, 'हम खुश हैं कि इस प्रयास को भटकाने वाला पाया गया और कई मित्रों ने इस बात का उल्लेख किया गया कि भारत और पाकिस्तान के संबंधों के बीच मौजूद समस्याओं को उठाने और उससे निपटने के लिए कई द्विपक्षीय तंत्र है.'
कश्मीर मुद्दे को नहीं दिया गया महत्व
सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल हुए एक यूरोपीय सूत्र ने बताया कि बंद कमरे की बैठक में कश्मीर मुद्दे को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया. शीर्ष यूरोपीय राजदूत ने कहा कि मामले को द्विपक्षीय तौर पर निपटाना चाहिए और यह उनके आपस का मामला है.
भारत-पाक मुद्दा यूएन के एजेंडे में
चीनी राजदूत झांग जून के साथ बैठक के बाद अकबरुद्दीन ने कहा, 'हमने जम्मू-कश्मीर पर बैठक की और मुझे विश्वास है कि आप सबको पता होगा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने सुरक्षा परिषद को पत्र लिख जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर गौर करने को कहा है.' उन्होंने कहा, 'भारत और पाकिस्तान का मुद्दा हमेशा सुरक्षा परिषद का एजेंडा रहा है और आज भी हमने कुछ तनाव देखा, तो सुरक्षा परिषद ने बैठक की .... सदस्यों ने अपने विचार साझा किए.' झांग जून ने बाद में कहा कि चीन ने अपना रुख बेहद स्पष्ट कर दिया है. हम कश्मीर की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित रहेंगे.'
फ्रांस ने किया था विरोध का एलान
फ्रांसीसी कूटनीतिक सूत्रों ने बताया था कि फ्रांस ने इस शक्तिशाली संस्था में एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए यूएनएससी के एक सदस्य देश के अनुरोध पर गौर किया है और वह इसका विरोध करने जा रहा है, जैसा कि उसने पहले के एक मौके पर किया था. अफ्रीकी देशों से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में बैठक बुलाई गई. चीन ने कोई अन्य कामकाज बिंदु के तहत कश्मीर मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया.
कश्मीर का हल द्विपक्षीय तरीके से हल हो
सूत्रों ने बताया कि फ्रांस का रुख नहीं बदला है और यह बहुत स्पष्ट है कि कश्मीर मुद्दे का हल अवश्य ही द्विपक्षीय तरीके से किया जाए. यह बात कई मौकों पर कही गई है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में साझेदारों से इसे दोहराता रहेगा.
गौरतलब है कि पिछले महीने फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने यूएनएससी की बंद कमरे में हुई एक बैठक में कश्मीर मुद्दा पर चर्चा कराने की चीन की कोशिश नाकाम कर दी थी.
चीन ने यूएनएससी में कश्मीर मुद्दा उठाने की एक बार फिर कोशिश की
जम्मू कश्मीर का भारत द्वारा पुनर्गठन किया जाना चीन और पाकिस्तान को नागवार गुजरा है.