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वीर सावरकर न होते तो 1857 की क्रांति भी इतिहास न बनती : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कब तक अंग्रेजों को कोसते रहेंगे, आज फिर से इतिहास लिखने की जरूरत है. जानें क्या कुछ कहा उन्होंने...

लोगों को संबोधित करते अमित शाह

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Published : Oct 17, 2019, 12:50 PM IST

Updated : Oct 17, 2019, 6:19 PM IST

वारणसी : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वीर सावरकर न होते तो 1857 की क्रांति भी इतिहास न बनती, उसे भी हम अंग्रेजों की दृष्टि से देखते. वीर सावरकर ने ही 1857 को पहला स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया था.

अमित शाह ने गुरुवार को यहां बीएचयू परिसर में आयोजित 'गुप्तवंशक-वीर : स्कंदगुप्त विक्रमादित्य' विषयक सेमिनार के शुभारंभ के अवसर पर अपने संबोधन में ये बातें कहीं.

अमित शाह

शाह ने कहा, 'अपने इतिहास को संजोने, संवारने, अपने इतिहास को फिर से लिखने की जिम्मेदारी, देश की होती है, जनता की होती है, देश के इतिहासकारों की होती है. हम कब तक अंग्रेजों को कोसते रहेंगे.

उन्होंने कहा, 'आज देश स्वतंत्र है. हमारे इतिहास का संशोधन करके संदर्भ ग्रन्थ बनाकर इतिहास का पुन: लेखन करने की जरूरत है. मुझे भरोसा है कि हमारे द्वारा लिखे इतिहास में सत्य रहेगा, इसलिए वो जरूर प्रसिद्ध होगा.'

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शाह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में आज देश एक बार फिर अपनी गरिमा प्राप्त कर रहा है. पूरी दुनिया में भारत का लोकतंत्र सबसे बड़ा है. इसकी स्वीकृति आज जगह-जगह पर दिखाई पड़ती है. पूरी दुनिया आज भारत के विचार को महत्व देती है.

Last Updated : Oct 17, 2019, 6:19 PM IST

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