पटना:केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व में दो दिन के बिहार दौर पर आई है. केंद्रीय टीम ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए बिहार सरकार को सुझाव दिए. उसका कहना था कि ट्रैकिंग-टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की सही व्यवस्था से ही कोरोना जैसी महामारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है.
केंद्रीय टीम का कहना था कि तेजी से प्रदेश में पांव पसारती इस महमारी पर नियंत्रण के लिए सरकार को अपनी पुरानी रणनीति को बदलना होगा, तभी इस पर जीत संभव है. केंद्रीय टीम ने कम और धीमी जांच को लेकर सवाल भी उठाए. लव अग्रवाल के साथ नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह और एम्स दिल्ली के मेडिसिन विभाग के एसो. प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल थे.
केंद्रीय टीम ने रविवार को पटना पहुंचने के बाद करीब दो बजे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ स्वाथ्य मुख्यालय में बैठक कर कोरोना संकमण की ताजा स्थिति और जांच पर सरकार से बात की. बैठक के बाद राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि केंद्रीय टीम को जानकारी दी गई कि बिहार में लगातार कोरोना की जांच बढ़ाई गई है. बिहार में हाल के दिनों में 10 हजार से ज्यादा जांच की व्यवस्था की गई है. अब एक बार फिर सरकार ने अपनी कोरोना जांच की रणनीति में बदलाव का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि सरकार अब ऑन डिमांड कोरोना की जांच करेगी.
डिमांड पर जांच होगी
मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्रीय टीम को बताया गया है कि सवाल 10 हजार और 25 हजार का नहीं है. संक्रमण की पुख्ता जानकारी के लिए प्रत्येक डिमांड पर जांच होगी. डिमांड 10 हजार की तो 10 हजार जांच और 25 हजार तक की डिमांड तो 25 हजार जांच होगी. इसके लिए सरकार आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था भी कर रही है. हर जगह सैंपल देने के लिए सेंटर खोले जा रहे हैं. केवल पटना में 25 सेंटर क्रियान्वित किए गए हैं.