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नड्डा के ट्वीट 'भक्तों का ट्रोल संस्करण,' सरकार ने चीन पर कार्रवाई क्यों नहीं की : कांग्रेस

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Published : Jul 20, 2020, 10:44 PM IST

Updated : Jul 20, 2020, 11:01 PM IST

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत-चीन सीमा विवाद पर वीडियो साझा किए जाने के तुरंत बाद, सोमवार को सत्ता पक्ष के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया. राहुल गांधी के वीडियों का जवाब देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वीडियो को प्रोजेक्ट 'आरजी रिलॉन्च के एक और (विफल) संस्करण' का रूप बताकर कांग्रेस पर कटाक्ष किया, बाद के वरिष्ठ प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के ट्वीट को 'भक्तों का ट्रोल संस्करण' बताया.

Surjewala
सुरजेवाला

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत-चीन सीमा विवाद पर वीडियो साझा किए जाने के तुरंत बाद, सोमवार को सत्ता पक्ष के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया. राहुल गांधी के वीडियो का जवाब देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वीडियो को प्रोजेक्ट आरजी रिलॉन्च के एक और (विफल) संस्करण का रूप बताकर कांग्रेस पर कटाक्ष किया.

नड्डा के बयान के बाद के कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उनके ट्वीट को 'भक्तों का ट्रोल संस्करण' बताया. इस दौरान सुरजेवाला ने जे पी नड्डा राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर जेपी नड्डा से कई सवाल किए.

भाजपा अध्यक्ष से सुरजेवाला के सवाल-

  1. आप और पीएम चीन का नामकरण करने से भी क्यों डरते हैं ?
    सुरजेवाला का सवाल
  2. आप हमारे क्षेत्र को पुनः प्राप्त करने और यथास्थिति सुनिश्चित करने का प्रस्ताव कैसे देते हैं?
  3. आप पीएम केयर्स फंड के लिए चीनी फंड पर जवाब क्यों नहीं देते हैं?
    सुरजेवाला का सवाल
  4. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से (सीसीपी) भाजपा का क्या संबंध है? 30 अक्टूबर, 2007 को सीसीपी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान और 17 अक्टूबर, 2008 में सीसीपी पोलितब्यूरो के सदस्यों ने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह द्वारा बीजेपी और सीसीपी के बीच के ऐतिहासिक संबंधों के बारे में क्या कहा ?
    सुरजेवाला का सवाल
  5. भाजपा अध्यक्ष, नितिन गडकरी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के निमंत्रण पर 19 जनवरी, 2011 को 5 दिवसीय यात्रा पर चीन क्यों गए?
    सुरजेवाला का सवाल
  6. सीसीपी के पार्टी स्कूल में एक सप्ताह के अध्ययन के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नवंबर, 2014 में सांसद और विधायकों के प्रतिनिधिमंडल को चीन क्यों भेजा?
  7. नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम के रूप में 4 अलग-अलग अवसरों पर और पीएम के रूप में 5 मौके पर चीन क्यों गए ?
    सुरजेवाला का सवाल
  8. भारत ने 3 अलग अलग अवसरों पर चीनी प्रीमियर की मेजबानी क्यों की?
  9. मोदी पीएम के रूप में 6 साल में चीनी राष्ट्रपति के साथ 18 बैठकें करने वाले एकमात्र पीएम हैं?
  10. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सीसीपी के निमंत्रण पर जनवरी, 2009 में चीन क्यों गया था?
    सुरजेवाला का सवाल
  11. एक राजनीतिक दल नहीं होने के बावजूद सीसीपी द्वारा आरएसएस का एक प्रतिनिधिमंडल क्यों आमंत्रित किया गया था?
  12. अरुणाचल प्रदेश के संवेदनशील राज्य के रूप में तिब्बत के बारे में भी क्या चर्चा हुई?
  13. क्या बीजेपी 'ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी' (ओएफ-बीजेपी) के लिए दानदाताओं के नाम, प्राप्त राशियों, चीनी (सहित) का खुलासा करेगी?
    सुरजेवाला का सवाल
  14. ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी-चाइना एंड हॉन्ग कॉन्ग ’से कितनी राशि प्राप्त हुई है? राजू सबनानी की लिंक ऑफ बीजेपी क्या है?
  15. मोदी सरकार ने 90,000 माउंटेन स्ट्राइक कोर के निर्माण को चीन ने हमारी सीमाओं पर एक काउंटर उपाय के रूप में क्यों उकेरा है?
    सुरजेवाला का सवाल
  16. 2015 से चीन ने हमारे क्षेत्र में 2,264 अपराध क्यों किए हैं? वर्ष 2015 में 428, वर्ष 2017 में 473, वर्ष 2018 में 404 और वर्ष 2019 में 663
    सुरजेवाला का सवाल
  17. भाजपा सरकार ने चीन पर कार्रवाई क्यों नहीं की?
  18. क्या हमारे सशस्त्र बलों के 15 लाख सदस्यों और 26 लाख सैन्य पेंशनरों (1/1/2020 से 30/6/2021 तक) के सीआर के11,000 करोड़ क्यों काट रही है?
    सुरजेवाला का सवाल

इससे पहले भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने चीन के साथ सीमा पर चल रहे गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सोमवार को जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि रक्षा और विदेश नीति से संबंधित मुद्दों के 'राजनीतिकरण' का उनका प्रयास एक वंश के पिछले 'पापों'को धोने की हताशा और मोदी को 'बर्बाद' करने की कोशिश को दर्शाता है.

भारत को कमजोर करने की हताशा

नड्डा ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ऐसे बयान दे रहे हैं जो 'तथ्यों में कमजोर' और 'कीचड़ उछालने में मजबूत' हैं. उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर आरोप लगाया कि हाल के वर्षों में चाहे वह डोकलाम का मामला हो या चीन के साथ मौजूदा गतिरोध का मुद्दा, राहुल गांधी भारतीय सशस्त्र बलों पर विश्वास करने की बजाय चीन की ओर से दी गई जानकारियों को तरजीह देते हैं. उन्होंने कहा, 'रक्षा और विदेश नीति से जुड़े मुद्दों के राजनीतिकरण का प्रयास एक वंश की 1962 के पिछले पापों को धोने और भारत को कमजोर करने की हताशा को दर्शाता है.'

नड्डा ने कहा, 'चाहे वह डोकलाम का मामला हो या अभी का, हाल के वर्षों में राहुलजी भारतीय सशस्त्र बलों पर विश्वास करने की बजाय चीन की ओर से दी गई जानकारी में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं. क्यों एक परिवार भारत को कमजोर और चीन को मजबूत देखना चाहता है. कांग्रेस में भी कई नेता एक वंश के इस छल को नापसंद करते हैं.'

राहुल की टिप्पणी के बाद भाजपा का बयान

भाजपा अध्यक्ष की यह प्रतिक्रिया राहुल गांधी के उस बयान के बाद आई जिसमें उन्होंने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध की पृष्ठभूमि में दावा किया कि यह सीमा विवाद से जुड़ा एक साधारण मामला भर नहीं है बल्कि प्रधानमंत्री की '56 इंच वाली छवि' पर हमले की चीन की साजिश है.

गांधी ने कहा कि चीन प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि वे वैसा ही करें जैसा चीन चाहता है, नहीं तो वह उनकी मजबूत नेता की छवि को धूमिल कर देगा. दबाव में आकर वह अपनी छवि बचाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट करेंगे कि उन्हें अपनी छवि की चिंता नहीं है और वह चीनी चुनौती को स्वीकार करते हैं?

नड्डा का पलटवार

मोदी की आलोचना पर पलटवार करते हुए नड्डा ने कहा, 'सालों से एक परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बर्बाद करने की कोशिश करता रहा है. उनके लिए दुखद यह है कि प्रधानमंत्री मोदी का 130 करोड़ भारतीय जनता से गहरा जुड़ाव है. वे उनके लिए जीते हैं और काम करते हैं. जो उन्हें बर्बाद करना चाहते हैं वे खुद अपनी ही पार्टी को तबाह कर देंगे.'

बाद में संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भी गांधी परिवार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद भारत की विदेश और रक्षा नीति से कहीं अधिक गांधी परिवार की 'निजी और दुर्भाग्यपूर्ण विरासत' का मामला है.

पढ़ें - सीमा विवाद पर भाजपा का पलटवार- राहुल का बयान आधारहीन, तर्कहीन और बुद्धिहीन

राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि चीन के रणनीतिक खाके को समझने में उनके परिवार की चार पीढ़ियां लग गई जबकि यह 1950 में ही स्पष्ट हो गया था जब पड़ोसी देश ने भारतीय क्षेत्र में एक सड़क निर्माण किया था.

रचनात्मक विपक्ष की भूमिका

इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रुख का जिक्र करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि मनमोहन सिंह और नेहरू अकादमिक मामले में सबसे योग्य प्रधानमंत्री रहे लेकिन वे भी चीन के रणनीतिक खाके को नहीं 'समझ' सके. उन्होंने कहा, 'इस प्रकार का हल्ला मचाने की राहुल गांधी की आदत बन गई है. ऐसा करके वह राष्ट्रीय हितों का नुकसान ही कर रहे हैं. सकारात्मक और रचनात्मक विपक्ष की भूमिका भी वे नहीं निभा रहे हैं.' त्रिवेदी ने कहा कि 1962 का युद्ध हो, 1965 का युद्ध हो या 1971 का युद्ध हो, तब भाजपा नहीं थी, तब भारतीय जनसंघ के रूप में जिस प्रकार का सहयोग और समर्थन दिया था उसकी नेहरू ने भूरि-भूरि प्रशंसा की थी.

पढ़ें - चीन के साथ सीमा विवाद साधारण नहीं, पीएम को अपनी छवि की चिंता : राहुल

राहुल गांधी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा, 'वो हमारा चरित्र था और आपका चरित्र आज दिखाई दे रहा है.' भाजपा के ही एक अन्य प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने गांधी पर प्रधानमंत्री मोदी को 'अपमानित' करने का आरोप लगाया और कहा कि वे लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से जीतकर आने के बाद प्रधानमंत्री बने हैं. उन्होंने कहा, 'मोदी आज एक वैश्विक नेता हैं और दुनिया भी उनके नेतृत्व की सराहना करती है. उनके प्रति ईर्ष्या का भाव रखने की बजाय राहुल को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए.'

Last Updated : Jul 20, 2020, 11:01 PM IST

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