नई दिल्ली:तीन तलाक को लेकर मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है. राज्यसभा में बिल पारित हो गया. सरकार के पास सदन में बहुमत नहीं था, फिर भी उसे ऐतिहासिक कामयाबी मिली है. टीआरएस और जेडीयू ने वोटिंग से बहिष्कार किया. लोकसभा ने पहले ही बिल को पारित कर दिया है. बिल को अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.
राज्यसभा में तीन तलाक बिल पारित
राज्यसभा में वोटिंग के बाद तीन तलाक बिल पास कर दिया गया है. बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े हैं, जबकि विपक्ष में 84 वोट पड़े.
गौरतलब है कि लोकसभा से यह बिल 26 जुलाई को ही पास हो चुका है और अब एक बार में तीन तलाक को अपराध माना जाएगा. इसके तहत अपराधी को तीन साल की सजा और जुर्माना भी देना होगा.
रविशंकर ने सभा में बिल को पास करने का प्रस्ताव रखा
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सभा में बिल को पास करने का प्रस्ताव रख दिया है. अब इस पर वोटिंग की जा रही है.
वहीं इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम महिला सशक्तिकरण के हक में हैं और हम बिल को भी कुछ बदलाव के साथ पारित कराना चाहते थे.
उन्होंने कहा कि हम इसे सेलेक्ट कमेटी में भेजना चाहते थे लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि बिल को सरकार ने अपराध बनाने वाले संशोधन को भी खारिज कर दिया है और अब विपक्ष को इस बिल के खिलाफ वोट करना होगा.
सदन में दिग्विजय का संशोधन प्रस्ताव गिरा
इस बिल को लेकर दिग्विजय सिंह की ओर से पेश किया संशोधन प्रस्ताव सदन में गिर गया है. इस प्रस्ताव के पक्ष में 84 और विपक्ष में 100 वोट पड़े थे.
संशोधन पर वोटिंग की प्रक्रिया जारी
तीन तलाक बिल पर कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के एक संशोधन पर वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सदन में मत विभाजन संख्या सदस्यों को अभी नहीं जारी हुई है और इस वजह से वोटिंग मशीन की जगह पर्चियों के जरिए वोटिंग प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है.
बिल को सेलेक्ट कमेटी भेजने का प्रस्ताव गिरा
राज्यसभा में तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव वोटिंग के बाद गिर गया है. इस बिल को सेलेक्ट कमेटी में नहीं भेजा जाएगा. बता दें, प्रस्ताव को पक्ष में 84 और विपक्ष में 100 वोट पड़े हैं.
बिल को सेलेक्ट कमेटी भेजने के प्रस्ताव पर वोटिंग
मंत्री के जवाब के बाद अब बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव पर वोटिंग की जा रही है. विपक्षी दलों के कई सांसदों ने बिल को कमेटी के पास भेजने की मांग की है.
कांग्रेस आज भी शाहबानो मॉडल पर क्यों है- रविशंकर
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने1986 में शाहबानो के लिए न्याय के दरवाजे क्यों बंद कर दिये थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आज भी शाहबानो मॉडल पर क्यों चल रही है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संसद में किसी भी कानून को पास होने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं पड़ती है.
बहस पर रविशंकर प्रसाद का जवाब
बिल पर बहस के बाद अब रविशंकर प्रसाद चर्चा का जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पैगम्बर साहब ने हजारों साल पहले इसे गलत बता दिया था लेकिन हम इस पर 2019 में बहस कर रहे हैं कि ये ठिक है या नहीं.
उन्होंने कहा कि विपक्ष भी तीन तलाक को गलत मानता है पर 'लेकिन' लगा देता है. उन्होंने कहा कि विपक्ष 'लेकिन' के साथ तीन तलाक को गलत बता रहा है.
कांग्रेस का बिल को पुरजोर विरोध
सदन में बोलते हुए कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज इस देश में कई ऐसी हिंदू महिलाएं भी हैं, जिनके साथ गलत हो रहा है. उन्होंने सवाल किया है कि क्या सरकार ने कभी उनके बारे में कुछ सोचा.
उन्होंने ट्रिपल तलाक बिल को पूर्ण रूप से राजनीतिक बताया. उन्होंने कहा कि सराकर ऐसा कर के सिर्फ एक समूह को निशाना बना रही है.
कांग्रेस सांसद ने कहा कि जिस उद्देश्य से यह बिल लेकर आया गया है हम उसके खिलाफ है. उन्होंने सवाल किया कि गुजरात दंगों में जिन लोगों को हत्या कर दी गई उनके परिजनों के बारे में क्या कभी सरकार ने सोचा है.
सिंह ने कहा कि इसे अपराध बनान ठीक नहीं है. हिन्दुओं में भी ऐसी प्रथाएं हैं क्या उसके खिलाफ भी सरकार बिल लेकर आएगी.
भाजपा सांसद ने किया बिल का समर्थन
सदन में ट्रिपल तलाक बिल पर बहस जारी है. इस दौरान भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने बिल का समर्थन किया. उन्होंने इस बिल को देश की सामान्य लड़ाई बताया. उन्होंने कहा कि ये कोई राजनीतिक बिल नहीं है.
उन्होंने कहा कि किसी भी महिला को प्रताड़ित करना भी सामाजिक अव्यवस्था से ही दायरे में है.
अखलाक और तबरेज की मां-बहनों को पहले न्याय दे मोदी सरकार- AAP
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा मुस्लिम महिलाओं को न्याय देना चाहती है यह हास्यास्पद है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने मुस्लिम महिलाओं को टिकट तक नहीं दिया और आज वह उन्हें हक देने की बात कर रहे हैं.
संजय सिंह ने कहा कि सरकार अखलाक, पहलू खान और तबरेज की मां-बहनों को भी न्याय दिलाएं, यह तो दूर की बात है बल्कि सरकार और उसके मंत्री तो उनके हत्यारों को माला पहनाते हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार उन्नाव बलात्कार पीड़िता को तो न्याय दिला नहीं पाई है, बलात्कार के आरोपी से मिलने सरकार के सांसद जेल जाते हैं, इससे ज्यादा शर्म की बात कुछ और नहीं है.
बिल को मिला अकाली दल का समर्थन
अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि मुस्लिम महिलाएं आज डर के माहौल में रहने को मजबूर हैं. उन्होंने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि तीन तलाक को अपराध बनाना जरूरी है. जिससे कि कोई भी ऐसी हरकत न कर सके.
गुजराल ने कहा कि सती प्रथा से लेकर दहेज प्रथा का भी विरोध हुआ था लेकिन इन्हें खत्म किया गया है.
AIADMK सांसदों ने किया वॉक आउट
राज्यसभा में AIADMK सांसदों ने बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की पुरजोर मांग की. इसके साथ ही उन्होंने सदन से वॉक आउट कर दिया.
गौरतलब है कि जेडीयू के सांसद पहले ही सदन से वॉक आउट कर चुके हैं.
पीडीपी सांसद बोले, मर जाएंगे लेकिन 370 और 35 A हटने नहीं देंगे
बिल पर जारी बहस के बीच पीडीपी सांसद मीर मोहम्मद फैयाज ने खुलकर इस बिल का विरोध किया. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अच्छा लगा कि सरकार को 70 साल बाद मुस्लिम औरतों की याद आई.
उन्होंने कहा कि हमारे कश्मीर में कई विधवा महिलाएं है और यतीम बच्चे हैं. वहां पिछले 30 सालों से लड़ाई चल रही है और वहां की औरतों को ये चिंता रहती है कि कभी संसद में उनकी बात हो. उनकी परेशानियों का हल खोजा जाए. लेकिन कभी यहां उस पर बात नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि आसिफा से लेकर कई महिलाओं के साथ बलात्कार हुए लेकिन कभी यहां उसकी बात नहीं हुई. सेना की तैनानी से वहां दशहत फैलाई जा रही है और कोई उसकी भी कोई बात नहीं करता है.
उन्होंने कहा कि वह भी मुस्लिम राज्य है, हम मर जाएंगे लेकिन 370 और 35 A हटने नहीं देंगे. उन्होंने ट्रिपल तलाक बिल में नाइंसाफी होने की बात कहते हुए कहा कि इन्हें दूर किया जाना चाहिए.
ट्रिपल तलाक बिल का विरोध करती है बसपा
बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल के खिलाफ है. सतीश ने कहा कि इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस बिल को नकारे जाने की बात बोलते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के बाद भी आप फिर से इसे अस्तित्व में लाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि इस बिल से महिलाएं सबसे ज्यादा प्रताड़ित होने वाली हैं क्योंकि पुरुष के जेल जाने के बाद महिलाएं भी कहीं की नहीं रह जाएंगी. सरकार न बच्चों की देखरेख करेगी और न ही महिलाओं को गुजारा भत्ता देगी, ऐसे में उनका जीवन कैसे चलेगा.
उन्होंने कहा कि आपने एक परिवारिक मामले को आपराधिक कोर्ट में पहुंचा दिया है. तलाक और जेल के बाद फिर से दोनों को पति-पत्नी की हैसियत से रहना होगा, क्या ऐसा मुमकिन हो पाएगा.
उन्होंने अपनी और पार्टी की ओर से चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कानून बनने से पूरा परिवार ध्वस्त हो जाएगा.
वहीं इसके साथ ही उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि सरकार उन्नाव समेत बाकी महिलाओं के बारे में भी सोचती तो ज्यादा बेहतर होता.
NCP सांसद ने किया ट्रिपल तलाक बिल का विरोध
NCP सांसद माजिद मेमन ने बिल का विरोध किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार किसी को बगैर अपराध के तीन साल की सजा देने का प्रावधान ला रही है. ये गलत हैं. उन्होंने कहा कि तलाक कहना कोई अपराध नहीं है.
उन्होंने कहा कि जेल में जाने के बाद भी शादी खत्म नहीं होगी और महिला को गुजारा भत्ते के लिए मजिस्ट्रेट के पास जाना होगा. उन्होंने कहा कि ये कैसे मुमकिन है कि जेल में रह रहा पति अपनी पत्नी को भत्ता दे, ऐसे में ये कानून फेल हो जाएगा.
सदन में बोले गुलाम नबी आजाद
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने क्रिमिनल लॉ के बारे में तो नहीं बोला था, आप गलत कह रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने क्या अब तक अल्पमत वाले फैसलों को लागू किया है.