नई दिल्ली: BSF (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ईवीएम के खिलाफ जन जागरूकता करते नजर आ रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने दिल्ली के जंतर-मंतर पर सरकार के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन भी किया. इस संबंध में ईटीवी भारत ने तेज बहादुर से खास बातचीत की.
पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव से हुई बातचीत गौरतलब है कि BSF को परोसे जाने वाली दाल में पानी के मुद्दे पर एक वीडियो बनाने के बाद पूर्व BSF जवान तेज बहादुर यादव चर्चा में आए थे. उसके बाद के घटना क्रम में अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उन्हें BSF से बर्खास्त कर दिया गया था.
उसके बाद वे समाजवादी पार्टी से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन कानूनी रूप से उनका नामांकन रद्द हो गया. अब तेज बहादुर ईवीएम के खिलाफ जन जागरूकता करते नजर आ रहे हैं. इसी मुद्दे पर हुए एक विरोध प्रदर्शन में जंतर-मंतर पर ईटीवी भारत ने तेज बहादुर से खास बातचीत की.
जरूरत पड़ी तो EVM के खिलाफ अनशन करेंगे तेज
तेज बहादुर ने कहा कि चुनाव के बाद ही पूरे देश को ईवीएम की सच्चाई का पता चला. सभी राजनैतिक पार्टियों को पता चला कि बीजेपी ईवीएम के आधार पर चुनाव जीती है न कि जनता के वोटों के आधार पर.
तेज बहादुर यादव ने कहा कि देश में अब बैलेट पेपर से चुनाव होने चाहिए और ईवीएम से चुनाव बंद होना चाहिए. इसी मांग को लेकर आज जंतर-मंतर पर कई दलों के लोग जुटे हैं.
उन्होंने कहा कि इसमें मैं भी समाजवादी पार्टी की तरफ से शामिल हूं. तेज बहादुर ने बताया कि अखिलेश यादव ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि अगर जरूरत पड़ेगी तो ईवीएम के खिलाफ अनशन भी करेंगे.
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जवान राजनीति में क्यों नहीं आ सकता
तेज बहादुर ने कहा, 'मैं यह पूछना चाहता हूं कि एक जवान राजनीति में क्यों नहीं आ सकता, चुनाव क्यों नहीं लड़ सकता. जब हम सीमा पर देश की रक्षा कर सकते हैं तो चुनावी मैदान में क्यों नहीं आ सकते. मैं चाहता हूं कि देश में जितनी भी पार्टी के नेता हैं, उन सभी के खिलाफ एक-एक जवान को चुनाव लड़ना चाहिए.'
कोर्ट ने जारी किया नोटिस
बता दें, बनारस से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे तेज बहादुर का चुनाव रद्द हो गया था. पूरे प्रकरण के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अगर कानूनी जानकार यह मानते हैं कि कानून के आधार पर मेरा चुनाव रद्द हो सकता है, फिर तो मोदी जी का भी चुनाव रद्द होना चाहिए था क्योंकि उन्होंने अपने एफेडेविट में अपने परिवार से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं दी थी.
उन्होंने कहा कि मैं उस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग भी गया और इलाहाबाद हाईकोर्ट भी पहुंचा था. इसके बाद अब कोर्ट ने उस पर नोटिस जारी किया है.
यह ईवीएम द्वारा चुनी हुई सरकार है
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हम भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर लड़ाई लड़ते रहेंगे और आज भी मैं मानता हूं कि यह जनता द्वारा चुनी हुई सरकार नहीं है. उन्होंने कहा कि यह ईवीएम द्वारा चुनी गई सरकार है और इस मुद्दे को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे.