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अदनान सामी ने कहा- मुझे पद्मश्री मिलने पर सवाल उठाने वाले राजनीति से प्रेरित

संगीतकार अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किए जाने को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में खुद अदनान सामी ने बयान दिया कि उन्हें राजनीतिक निशाना बनाया जा रहा है.

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पद्मश्री मिलन पर उठे विवादों पर बोले अदनान सामी

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Published : Jan 28, 2020, 7:58 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 5:49 AM IST

मुंबई : पद्मश्री से सम्मानित करने के सरकार के फैसले पर चल रहे विवाद के बीच, गायक अदनान सामी का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि वह राजनीतिक निशाना बन रहे हैं.

संवाददाताओं से बातचीत में सामी ने सरकार और अपने प्रशंसकों को धन्यवाद दिया और कहा कि यह पुरस्कार उनके और उनके परिवार के लिए गर्व की बात है.

पुरस्कार पर राजनीतिक विवाद के बारे में पूछे जाने पर, सामी ने कहा, 'मैं एक राजनीतिज्ञ नहीं हूं, मैं एक संगीतकार हूं ... मैं राजनीतिक निशाना बन गया हूं. कुछ लोग हलचल पैदा करने के लिए मेरे नाम का उपयोग कर रहे हैं.. जहां तक ​​नागरिकता अधिनियम का संबंध है, मेरी बुनियादी समझ यही है कि यह उन अल्पसंख्यकों के लिए है, जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में सताए गए थे.'

अदनान सामी का बयान

अपने पिता से संबंधित एक सवाल पर अदनान सामी ने कहा, 'मेरे पिता 1965 की लड़ाई में पाकिस्तान के एक फाइटर पायलट थे. उन्होंने अपने देश के लिए अपनी ड्यूटी निभाई. उनको देशभक्ति के लिए सम्मानित भी किया गया. कौन सी दुनिया में ऐसा दस्तूर है एक बेटे पर आप इल्जाम लगाते हों उसके पिता के कार्यों को लेकर.'

सामी ने आगे कहा कि 2009 में उनके पिता के निधन से पहले, उन्होंने उन्हें सूचित किया था कि वह भारतीय नागरिकता लेने के बारे में सोच रहे हैं.

पढ़ें : मेरे पिता भारत में पैदा हुए और भारत में ही मरेः अदनान सामी

उन्होंने कहा, 'जब मैंने अपने पिता से कहा कि मैं भारतीय नागरिकता लेना चाहता हूं, तो उन्होंने कहा कि मैंने अपना जीवन जिया है और यह अब आपका जीवन है, आप वहीं रहें जहां आप सहज महसूस करते हैं. मेरे बारे में मत सोचो.'

सामी ने आगे कहा, '2009 में उनका निधन हो गया. दुर्भाग्य से वे यह नहीं देख पाए कि मैं 2016 में भारतीय नागरिक बन गया. मुझे पता है कि उनका आशीर्वाद मेरे साथ है.'

उन्होंने आगे कहा, अपने करियर के 34 सालों में मैंने 20 साल भारत को दिए हैं. मुझे दो बार रिजेक्ट कर दिया गया था लेकिन मैंने हार नहीं मानी और भारतीय नागरिक बनने के लिए आखिरकार अपनी शर्तों को पूरा किया.

यदि भारत सरकार आज मुझे पद्मश्री से सम्मानित कर रही है, तो वे इसे मेरे 34 साल के लंबे करियर के लिए दे रहे हैं, जिनमें से 20 भारत में थे. इसके अलावा भारत में संगीत में मैंने योगदान दिया है.

Last Updated : Feb 28, 2020, 5:49 AM IST

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