हैदराबाद : खाद्य सुरक्षा और पोषण पर जारी की गई वर्ल्ड रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019 में वैश्विक स्तर पर लगभग 690 मिलियन लोग कुपोषण के शिकार थे और ये संख्या साल 2018 के मुकाबले 10 मिलियन बढ़ गई है. भारत में 2004–06 के दौरान यह संख्या 249.4 मिलियन थी, जोकि 2017-19 में यह संख्या घटकर 189.2 मिलियन हो गई है.
साल 2020 में विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति
विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन, अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष, यूनिसेफ, विश्व खाद्य कार्यक्रम और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रतिवर्ष एक संयुक्त रिपोर्ट जारी की जाती है.
यह रिपोर्ट वैश्विक और क्षेत्रीय स्तरों पर खाद्य असुरक्षा, भूख और कुपोषण पर अनुमान प्रस्तुत करती है. 2020 का संस्करण यह संकेत देता है कि खाद्य असुरक्षा और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण चुनौतियां बनी हुई हैं.
खाद्य सुरक्षा और पोषण एक-दूसरे से गहरे जुड़े हुए हैं. खाद्य असुरक्षा से कुपोषण की कई अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं. एक महत्वपूर्ण तत्व जो इस संबंध को बताता है, वह लोगों को मिलने वाला भोजन है, विशेषकर उनके आहार की गुणवत्ता. खाद्य असुरक्षा विभिन्न तरीकों से आहार की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है, जो संभावित रूप से कुपोषण के साथ-साथ अधिक वजन और मोटापे के भी कारक बन सकते हैं.
भारत के बारे में रिपोर्ट की प्रमुख बातें
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कुपोषित लोगों की संख्या 2004-09 में 249.4 मिलियन से घटकर 2017-19 में 189.2 मिलियन हो गई.
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक दशक में भारत में कुपोषित लोगों की संख्या में 60 मिलियन की गिरावट आई है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पोषित आहार मिलने की वजह से छोटे कद वाले बच्चे कम थे, लेकिन ज्यादातर वयस्क मोटापे के शिकार मिले.
खाद्य सुरक्षा और पोषण पर कोरोना महामारी का प्रभाव
रिपोर्ट में ये संभावना जताई गई है कि साल 2020 में कोरोना महामारी की वजह से कुपोषित लोगों की संख्या में करीब 132 मिलियन तक की वृद्धि हो सकती है.
कोविड-19 की वजह से खाद्य सुरक्षा और पोषण के स्तर में और गिरावट आ सकती है. एक प्रारंभिक आकलन से पता चलता है कि विश्व के आर्थिक विकास परिदृश्य के आधार पर 2020 में दुनिया में कुल कुपोषित लोगों की संख्या 83 मिलियन से लेकर 132 मिलियन तक बढ़ सकती है. 2019 में दुनिया भर के लगभग 690 मिलियन लोग भूखे रह गए थे.