नई दिल्ली : लॉकडाउन चार में बाजारों को खोले जाने की इजाजत के बावजूद एशिया के सबसे बड़े कपड़ा बाजार गांधीनगर मार्केट की रौनक नहीं लौटी है. ऑड-ईवन के आधार पर दुकानें खोलने की छूट के बाद भी गांधीनगर कपड़ा मार्केट की ज्यादातर दुकानें बंद हैं.
गांधीनगर रामनगर मार्केट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय जैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि लॉकडाउन-4 में ऑड-ईवन के आधार पर 50 प्रतिशत दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है, लेकिन कोरोना का खौफ और खरीददारों की कमी की वजह से ज्यादातर व्यापारी अपनी दुकान नहीं खोल रहे. जो दुकान खोल भी रहें हैं, उनके यहां 2-3 दिन में शायद ही कोई एक ग्राहक पहुंचता है.
राज्यों की सीमा बंद होने से भी नुकसान
संजयजैन के मुताबिक गांधीनगर कपड़ा मार्केट में पूरे देश के दुकानदार रेडीमेड कपड़ा खरीदने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन राज्यों की सीमा सील होने और सार्वजनिक परिवहन बंद होने की वजह से गांधीनगर मार्केट में खरीददार नहीं पहुंच पा रहे हैं और न ही यहां से माल भेजा जा सकता है.
उपाध्यक्ष ने बताया कि मजदूरों के पलायन का असर कपड़ा कारोबार पर पड़ेगा. ज्यादातर मजदूर पलायन कर चुके हैं. ऐसे में जब मार्केट में ग्राहक आने लगेंगे, तो मजदूरों की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा. सिलाई करने वाले 90 प्रतिशत मजदूर गांव लौट चुके हैं, जिससे कपड़े की भी कमी हो सकती है.