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बेंगलुरु में अनुसंधान और शिक्षण केंद्रित विश्वविद्यालय स्थापित किए जाएंगे

बेंगलुरु में राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा निर्धारित सभी लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए कर्नाटक में छह शोध केंद्रित विश्वविद्यालयों, 10 शिक्षण-केंद्रित विश्वविद्यालयों और तीन वर्षों में 34 स्वायत्त शिक्षा संस्थानों की स्थापना की जाएगी. पढें पूरी खबर...

टास्क फोर्स की बैठक
टास्क फोर्स की बैठक

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Published : Aug 17, 2020, 7:39 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक में 2030 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा निर्धारित सभी लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए छह शोध केंद्रित विश्वविद्यालयों, 10 शिक्षण-केंद्रित विश्वविद्यालयों और तीन वर्षों में 34 स्वायत्त शिक्षा संस्थानों की स्थापना की जाएगी. ये घोषणा उप मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ सीएन अश्वथ नारायण ने की.

प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमारा से उनकी चर्चा के बाद उन्होंने एक प्रेस मीट में यह बात कही. इससे पहले उन्होंने टास्क फोर्स की बैठक में भी भाग लिया जिसका गठन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए किया जा रहा है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में टास्क फोर्स आने वाले 4-5 दिनों में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. उन्होंने कहा कि नीति के कार्यान्वयन के बारे में 29 अगस्त से पहले रोडमैप प्रस्तुत किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि सरकार का मानना ​​है कि शिक्षा समाज की समस्याओं के समाधान के रूप में है. प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा स्तरों में जो बदलाव लाने की आवश्यकता है उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सूचीबद्ध किया गया है. तदनुसार टास्क फोर्स के साथ विचार-विमर्श करके कदम उठाए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स के रोड मैप जमा करने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री के साथ चर्चा होगी जिसमें मंत्री सुरेश कुमार और अन्य मौजूद रहेंगे.

उन्होंने कहा कि सरकार ने नीति में उल्लिखित सभी लक्ष्यों को 10 वर्ष की समय सीमा में प्राप्त करने का निर्णय लिया है और इसे टारगेट - 2030 कहा गया है.

पूरे राज्य में नीति के बारे में विचार-विमर्श की आवश्यकता है. यह अब से शुरू होने वाली न्यूनतम एक वर्ष की अवधि तक चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि नीति उन सभी नेताओं को विश्वास में लेकर लागू की जाएगी जो राजनीतिक क्षेत्र, संघों-संगठनों और अन्य सभी हितधारकों में हैं.

बैठक में बातचीत करने वाले टास्क फोर्स के सदस्यों को लगा कि अधिक कुशल और गुणात्मक बहुआयामी शैक्षिक प्रणाली वाले संस्थानों को स्थापित करने की आवश्यकता है. इस अपेक्षा को पूरा करने के लिए मौजूदा संस्थानों को अपग्रेड किया जाना चाहिए. गुणात्मक अनुसंधान और शिक्षण पद्धति को सक्षम करने के लिए प्रणाली को सुसज्जित किया जाना चाहिए.

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने प्रो. एम.के. श्रीधर को सम्मानित किया जिन्हें यूजीसी के लिए नामांकित किया गया और प्रो. एस.एन.कोरी को सम्मानित किया गया जिन्हें सरकार की ओर से अनंतपुर के केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया.

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