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सीएए के खिलाफ मुंबई में भी एकजुट महिलाएं कर रहीं प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन कानून, 2019 (सीएए) के खिलाफ नई दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में गत एक महीने से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इसमें महिलाएं बड़ी संख्या में भाग ले रही हैं. ताजा घटनाक्रम में मुंबई में भी ऐसा ही विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ है. जानें पूरा मामला....

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मदनपुरा में हो रहा विरोध प्रदर्शन

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Published : Jan 27, 2020, 7:22 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 2:39 AM IST

मुंबई : मुंबई : नागरिकता संशोधन कानून, 2019 (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग के प्रदर्शन से प्रेरित होकर मुंबई में भी महिलाओं ने ऐसा ही एक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

सीएए के खिलाफ मुंबई के मदनपुरा इलाके में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन में भी महिलाओं की उल्लेखनीय भूमिका देखी जा रही है. शाहीन बाग की ही तरह यहां भी महिलाएं बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन के लिए एकजुट हुई हैं.

सीएए के खिलाफ मुंबई में भी एकजुट हुईं महिलाएं

बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून, 2019 (सीएए) के खिलाफ नई दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में गत एक महीने से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इसमें महिलाएं बड़ी संख्या में भाग ले रही हैं.

मुंबई में हो रहे विरोध प्रदर्शन में नागरिकता संशोधन कानून के अलावा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का भी विरोध किया जा रहा है.

रविवार देर रात शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन सोमवार तड़के भी जारी रहा. इस दौरान लोगों ने 'हम एक हैं' और 'आजादी' जैसे नारे भी लगाए. स्थानीय पुलिस ने लोगों को समझाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा.

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए लॉ की छात्रा फातिमा ने कहा किआपको अपने देश से प्यार करना चाहिए लेकिन यह जरूरी नहीं है कि आप भी अपनी सरकार से प्यार करें.

फातिमा ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद को हिरासत में लिया गया है, वह हम सभी के लिए लड़ रहे हैं. वह जहां भी जाते हैं उन्हें हिरासत में ले लिया जाता है. हम यहां आजाद जैसे लोगों के लिए बैठे हैं, शाहीनबाग की महिलाओं के लिए बैठे हैं. हम यहां से नहीं हटेंगे.

पढ़ें- जो लोग हमें बदनाम कर रहे हैं वह बिरयानी खाने शाहीनबाग आ जाएं : प्रदर्शनकारी

फातिमा ने कहा कि सरकार सीएए पर कोई स्टैंड नहीं लिया है. सरकार ने कहा कि वो इसे वापस नहीं लेंगे. यह कानून संविधान विरोधी होने के कारण हमारे लिए खतरनाक है. यह कहीं नहीं लिखा है कोई कानून जाति और धर्म के आधार पर बनाया जाए. पहले कुछ महिलाओं ने यह विरोध प्रदर्शन शुरू किया था लेकिन अब हम सब इससे जुड़ गए हैं.

मीडिया से बात करते हुए फातिमा ने कहा कि हम शाहीनबाग की महिलाओं से प्रेरित होकर यह प्रदर्शन कर रहे हैं. फातिमा ने आगे कहा कि लोगों अपनी नागरिकता सिद्ध करने के लिए के लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिसके कारण देश में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार बढ़ेगा.

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कल कुर्ला में आग लग गई . लगभग 80 परिवारों के दस्तावेजों उस आग में जल गए. वे अब क्या करेंगे? वे अपने दस्तावेजों की व्यवस्था कहां से करेंगे ?

Last Updated : Feb 28, 2020, 2:39 AM IST

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