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बीईएफआर अधिनियम : राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका स्थगित

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 1873 के बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (BEFR) को संशोधित करने के लिए दिए गए राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को स्थगित कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : May 29, 2020, 9:14 PM IST

नई दिल्ली : जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस ए.एस. बोपन्ना वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 1873 के बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (BEFR) को संशोधित करने के लिए दिए गए राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को स्थगित कर दिया है.

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश बेंच की अध्यक्षता नहीं कर रहे थे, इसलिए इस मामले को दो जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

याचिका में कहा गया है कि प्रस्तावित संशोधन असम को आंतरिक नागरिकता कानून नए नागरिकता कानून के खिलाफ लागू करने से रोकता है.

यह याचिका ऑल ताई अहोम स्टूडेंट्स यूनियन, असम जाति तबादी युबा छात्र परिषद ने दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि सरकार का आदेश राजनीति से प्रेरित है.

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गौरतलब है कि इनर लाइन परमिट (ILP) भारतीयों नागरिकों की यात्रा को नियंत्रित करता है और तीन उत्तर पूर्वी राज्यों अर्थात् अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नगालैंड में प्रचलित है. इन राज्यों में जाने के लिए अन्य राज्यों के भारतीय नागरिकों को ILP की आवश्यकता होती है.

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