नई दिल्ली : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने शुक्रवार को अपना रुख दोहराया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) में किसी खास धर्म का उल्लेख नहीं होना चाहिए बल्कि यह सभी धार्मिक समुदायों के लिए होना चाहिए.
पार्टी ने संसद में इस विवादित कानून के पक्ष में मतदान किया था लेकिन उसका कहना है कि वह कानून के दायरे से किसी धार्मिक समुदाय को बाहर रखे जाने के खिलाफ है.
शिअद के राज्यसभा सदस्य नरेश गुजराल ने कहा, धर्म का उल्लेख करने की बजाए यह मुस्लिमों समेत सभी धर्मों के लिए होना चाहिए, यही बात शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने संसद में भी कही थी.
उन्होंने कहा, हम गठबंधन धर्म का पालन करते हैं और इसलिए हमने दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है, लेकिन बाद में भाजपा हमारे पास आई तो हमने उन्हें समर्थन दिया.