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पांच जुलाई को है शादी और अभी तक जेल में बंद है नंदिनी, जानें पूरी कहानी

ट्विटर पर #ReleaseNandini ट्रेंड कर रहा है. उनकी शादी पांच जुलाई को है. लेकिन अब तक वह जेल में बंद हैं. उन्होंने तमिलनाडु में शराबबंदी के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. पढ़ें उनकी पूरी कहानी.

नंदिनी और उनके पिता.

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Published : Jun 29, 2019, 5:48 PM IST

मदुरै: सोशल मीडिया पर #रिलीज नंदनी ट्रेंड कर रहा है. ये ट्रेंडिंग हैशटैग #ReleaseNandhini एक युवा लड़की के बारे में है, जो तमिलनाडु में शराब पर प्रतिबंध लगाने के अपने अथक प्रयास को जारी रखने के लिए कई परेशानियों से जूझती रही है.

नंदिनी ने 2012 में अपने पिता आनंदन के साथ मिलकर इस मुहिम की शुरुआत की थी. तब से लेकर अबतक उन्होंने स्कूली बच्चों के बीच अपने विरोध प्रदर्शन, भूख हड़ताल, सर्वेक्षण और अभियानों को बड़े पैमाने पर जारी रखा, ताकि तमिलनाडु में शराब की बिक्री पर अंकुश लगाया जा सके.

तिरुप्पत्तुर सत्र अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता नंदिनी और उसके पिता की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए. यह सब नंदिनी की शादी से ठीक एक सप्ताह पहले हुआ. तब जाकर सारे देश के लोगों का ध्यान इस पर आकर्षित हुआ है.

नंदिनी पेशे से वकील हैं. इन्होंने अदालत में अपनी दलीलें रखीं. उस दौरान उन्होंने पूछा कि क्या TASMAC की दुकानों में बेची जाने वाली शराब भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 328 के तहत खाद्य या ड्रग्स श्रेणी में आती है?

इस हैरान करने वाले निर्णय में मजिस्ट्रेट चामुंडेश्वरी प्रभा ने 27 जून को नंदिनी को 'अदालत की अवमानना' को दोषी करार दिया और 9 जुलाई तक कारावास का आदेश दिया.

मामला 2014 में नंदिनी द्वारा TASMAC दुकानों के खिलाफ आयोजित एक विरोध प्रदर्शन से संबंधित है. उनकी शादी पांच जुलाई को है. लेकिन अभी तक वह जेल में हैं.

उन्होंने जनहित के कई मुद्दों के अलावा राज्य में TASMAC की दुकानों को बंद करने की मांग को लेकर कई विरोध प्रदर्शन आयोजित किए थे.

ऐसा लगता है कि फैसले ने लोगों को झगझोर दिया है. इन युवाओं ने #ReleaseNandhini के माध्यम से नंदिनी को रिलीज कराने की मुहिम शुरू की है और सभी इसी के तहत ट्वीट कर रहे हैं.

क्या है आईपीसी की धारा 328?
यह उन लोगों के लिए सजा निर्धारित करता है, जो किसी व्यक्ति को जहर या किसी भी मूर्खतापूर्ण, नशीली दवा या किसी अन्य चीज को प्रशासित करते हैं. ऐसे व्यक्ति को चोट पहुंचाने के इरादे से या अपराध करने के इरादे से इस धारा को लगाया जाता है. इसके अनुसार निर्धारित सजा दस वर्ष के कारावास या जुर्माने की होती है.

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